माधवी पंडित/ नूरपुर
खुदा ऐसे जख्म किसी को न दे। हर कोई यही बात उस वक्त कह रहा था, जब एक घर से चार लाडलों की अर्थियां एक साथ निकली। माहौल ऐसा दर्दनाक था, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। चारों बच्चों की उम्र ही पांच साल के आसपास ही थी। दो सगे भाइयो में नरेश कुमार ने 11 बर्षीय बेटी श्रूतिका व 8 बर्षीय बेटे नैतिक को खो दिया, वही दूसरे भाई राकेश कुमार ने 13 बर्षीय बेटी पलक व दूसरी 10 वर्षीय बेटी भविष्या को हमेशा के लिए खो दिया। बहरहाल तीन बहनो व एक भाई ने दुनिया को नन्ही सी उम्र में अलविदा कह दिया।
आलम यह था कि एक-दूसरे के कंधों पर हाथ रख कर ढांढस बंधाया जा रहा था। जानकारों का कहना था कि शायद प्रदेश में इस तरह के जख्म किसी ही परिवार को मिले होंगे। दो भाईयों के चारों बच्चे एक साथ मौत की नींद सो गए।
उधर हादसे के बाद कांगड़ा के इंदौरा में प्रस्तावित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को बदल कर शिमला कर दिया गया है। डीसी संदीप कुमार ने इसकी पुष्टि की है। जिला में अगले 10 दिन तक सरकारी स्तर पर कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा। डीसी ने तमाम विभागाध्यक्षों को आदेशों की अनुपालना करने को कहा है। प्रशासन ने इस दुख की घड़ी में संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि परिवारों के साथ प्रशासन कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।