शिमला (एमबीएम न्यूज़ ): कोटखाई के बहुचर्चित गुडि़या मामले से संबंधित सूरज लॉकअप हत्या केस में गिरफतार 9 पुलिस वालों को आज न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपियों का न्यायिक रिमांड 23 मार्च तक बढ़ा दिया है। साथ ही वायस सेंपल मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी छह पुलिस वालों के वायस सैंपल के लिए जगह निर्धारित कर दी हैं। आरोपियों के वायस सेंपल शिमला के अलावा चंडीगढ़ में भी लिया जाएंगे। शिमला में बीएसएनएल , जिओ और एयरटेल के दफतरों में इनके वायस सैंपल होंगे, जबकि चंडीगढ़ में रिलांयस के दफतर में भी सैंपल के लिए इन्हें ले जाया जाएगा।
हालांकि इस मामले में गिरफतार एसआइटी के मुखिया निलंबित आईजी एच जहूर जैदी समेत शिमला के पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी और ठियोग के डीएसपी रहे मनोज जोशी की अभियोजन मंजूरी की रिपोर्ट सीबीआई द्वारा अदालत में पेश नहीं किए जाने के कारण इनके वायस सेंपल पर आज अदालत ने कोई फैसला नहीं सुनाया। सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि निलंबित आईजी व डीएसपी की अभियोजन मंजूरी की रिपोर्ट आ चुकी है, जबकि एसपी नेगी की आनी अभी बाकी है तथा 23 मार्च तक अभियोजन मंजूरी की ये रिपोर्टें प्राप्त हो जाएंगीं। अदालत ने इस मामले में सीबीआई से 23 मार्च तक जवाब मांगा है।
बताते चलें कि उक्त पुलिस वालों के मोबाइल व कंपूयटर कब्जे में लेकर सीबीआई को सूरज मामले में संदिग्ध बातचीत की क्लिप मिली थी। इसी की पुष्टि के लिए सीबीआई इनके वायस सैंपल लेकर अदालत में यह पुष्ट करना चाहती है कि ये इन्हीं की आवाज है। वायस सेंपल की मंजूरी लेने के लिए सीबीआई ने कोर्ट में अर्जी दी थी।
सूरज की 18 जुलाई को कोटखाई थाने के लॉकअप में हत्या हुई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में 29 अगस्त को तत्कालीन आईजी सहित 8 पुलिस वालों को गिरफतार किया। जबकि शिमला के पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी को 16 नवंबर केा गिरफतार किया गया था।