मंडी(वी कुमार): सीएम जयराम ठाकुर के गृहक्षेत्र सराज के खमरादा गांव का एक बुजुर्ग अपनी चार बीघा जमीन दान करना चाहता है, लेकिन दान करने के पीछे एक शर्त है और शर्त ये है कि दान की गई जमीन पर सिर्फ महात्मा गांधी का ही मंदिर बने। आखिर कौन है यह बुजुर्ग और सिर्फ महात्मा गांधी के मंदिर के लिए ही क्यों दान करना चाहता है अपनी जमीन, इस रिपोर्ट में देखिए।
कई दानवीर हैं जिन्होंने स्कूल, कॉलेज, स्वास्थ्य संस्थानों, आश्रमों और सड़कों के निर्माण के लिए अपनी जमीनों का दान किया है। लेकिन एक बुजुर्ग ऐसे भी सामने आए हैं जो अपनी जमीन को दान तो करना चाहते हैं लेकिन सिर्फ महात्मा गांधी का मंदिर बनवाने के लिए। इन दानी सज्जन का नाम है मोती राम। 100 वर्षीय मोती राम सीएम जयराम ठाकुर के गृह विधानसभा क्षेत्र सराज के खमरादा गांव के रहने वाले हैं।
मोती राम ने महात्मा गांधी मंदिर के लिए जमीन दान करने का प्रस्ताव डीसी ऋग्वेद ठाकुर को सौंप दिया है। चलने-फिरने में असमर्थ मोती राम ने इस प्रस्ताव को देने के लिए 70 किलोमीटर का सफर तय किया। अपने गांव खमरादा से मंडी पहुंचकर डीसी को प्रस्ताव सौंपा और महात्मा गांधी का मंदिर बनवाने की गुहार लगाई।
मोती राम ने बताया कि आज देश आजादी की कुर्बानियों को भूलता जा रहा है और यही कारण है कि वह अपने गांव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मंदिर बनवाना चाहते हैं। मोती राम कहते हैं कि महात्मा गांधी के कारण ही देश को आजादी मिली थी वर्ना गुलामी की जिंदगी में जो जीना संभव नहीं होता। उन्होंने बताया कि उनके गांव में उन्हें ससुराल पक्ष की तरफ से जो जमीन मिली है उसे वह महात्मा गांधी का मंदिर बनवाने के लिए दान करना चाहते हैं। यह जमीन चार बीघा बताई जा रही है।
डीसी को दिए प्रस्ताव में कुछ और बातें भी लिखी गई हैं जिन पर गौर करना संभव प्रतीत नहीं होता। लेकिन मोती राम बताते हैं कि उन्होंने महात्मा गांधी के साथ लाहौर में काम किया था। आज उनकी उम्र 100 वर्ष हो गई है लेकिन उस दौर को आज भी वह अपने दिमाग से निकाल नहीं पाए हैं, कि किस प्रकार से आजादी के परवानों ने देश को स्वतंत्रता दिलाई थी। यही कारण है कि वे महात्मा गांधी का मंदिर बनवाना चाहते हैं।
वहीं डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने मोती राम की तरफ से जमीन दान को लेकर आए प्रस्ताव को आगामी कार्रवाई के लिए प्रेषित कर दिया है। हालांकि सरकार और प्रशासन मंदिर बनाने के लिए धन उपलब्ध नहीं करवाते हैं लेकिन यहां मंदिर उस महान विभूति का बनाने का जिक्र हो रहा है जिन्हें पूरा देश राष्ट्रपिता कहता है। बहरहाल अब मोती राम के इस प्रस्ताव पर सरकार और प्रशासन क्या निर्णय लेते हैं इसका पता आने वाले समय में ही चल पाएगा।
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