शिमला (एमबीएम न्यूज़) : प्रदेश विधानसभा के शिमला में चल रहे विधानसभा के बजट सत्र में वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट अनुमानों पर चर्चा आज शुरू हुई। कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने चर्चा शुरू करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट मात्र घोषणाओं पर आधारित रहा है और इसमें न ता कोई रोडमैप है और न ही नौकरियों का उल्लेख है।
पुरानी योजनाओं के नामकरण कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया है। अग्निहोत्री ने कहा कि बजट में संसाधन जुटाने पर कोई चर्चा नहीं की गई है और सरकार के बजट भाषण में सिर्फ कोरी घोषणाओं के अलावा धरातल पर कुछ नहीं नजर आ रहा है। बढ़ते कर्ज के बोझ पर तल्ख टिप्पणी करते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि अब यह साफ हो गया है कि प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार के रहमोकरम से चलेगी और भविष्य में भारी कर्ज लेगी।
मुकेश ने कहा कि बजट में इस बात को तो उल्लेख किया गया कि हिमाचल का कर्ज 46 हजार करोड पहुंच गया है, लेकिन यह नहीं बताया गया है कि प्रदेश सरकार ने अपने दो माह के कार्यकाल में ही 2022 करोड का कर्ज लिया है। अग्निहोत्री ने तंज कसते हुए कहा कि दो माह में ही सरकार की ऐसी हालत हो गई है, तो पांच साल में क्या होगा? उन्होंने कहा कि पूर्व वीरभद्र सरकार द्वारा लिए गए कर्ज का सतापक्ष ने खूब मुददा बनाया था और कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में 247 फीसदी कर्जा लिया था।
अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा सरकार अपने पांच साल के कार्यकाल में पांच सौ फीसदी कर्ज लेगी और अगले पांच साल में यह कर्ज 75 हजार करोड़ रूपये पहुंच जाएगा। अग्निहोत्री ने आगे कहा कि सरकार के पहले बजट से लोगों को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन अफसरशाही ने सरकार को ठग लिया है। बजट में कोई आर्थिक प्रबंधन नहीं हुआ है। बजट में प्रोडयूसर व डायरेक्टर वही हैं, जो हमारे समय में थे। उन्होंने ही पूरी पटकथा तैयार कर दी। दो माह में पूरी सरकार जश्न मनाने में व्यस्त रही और बजट पढ़ने का मौका ही नहीं मिला।
अग्निहोत्री के बजट भाषण के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष पर पलटवार किया और कहा कि उनकी सरकार के दो माह के कार्यकाल से ही विपक्ष को परेशानी हो गई है।
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