पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज़) : दूरदराज पहाड़ी क्षेत्र शिलाई समेत तमाम गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय घोषित करने की मांग दशकों से उठती आई है, परंतु आज तक किसी भी राजनीतिक दल में इस दिशा में कोई सफल प्रयास नहीं किया है। इसी को लेकर आज गिरिपार जनजातीय मंच द्वारा शिलाई के सतौन में एक रैली निकाली गई।
सरकार से आग्रह किया गया कि 21वीं सदी में भी पिछड़ेपन का दंश झेल रहे ट्रांसगिरी क्षेत्र को आगामी लोकसभा चुनावों से पहले जनजातीय का दर्जा दिया जाए। रैली के मुख्य आयोजकों इंद्र सिंह राणा व सतौन पंचायत के उप-प्रधान रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा व कांग्रेस दो ही मुख्य राजनीतिक दल हैं और दोनों के नेताओं ने आज तक इस क्षेत्र के लोगों का केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है।
इस दुर्गम क्षेत्र में लोगों को कोई भी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कार्य नहीं किया है। नेताओं द्वारा केवल चुनाव आने पर हर बार जनता को जनजातीय दर्जा देने के लिए आश्वस्त किया जाता है, परंतु चुनाव खत्म होते ही नेता इस मुद्दे को भूल जाते हैं। लिहाजा आज भी यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं और 21वीं सदी के इस युग में यहां के हालात आज भी ज्यों के त्यों है।
उन्होंने कहा कि बेशक शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद वीरेंद्र कश्यप ने लोकसभा में कई बार इस मुद्दे को उठाया है परंतु वह भी आज तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा है। उसके बाद केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम ने भी हरिपुरधार पहुंचकर हाटी समुदाय के लोगों से वायदा किया था कि वह यहां के लोगों को शीघ्र ही आरक्षण दिलवाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह भी एक पिछड़े आदिवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए वह कभी झूठ नहीं बोलते हैं।
उसके बाद भी कई माह बीत गए परंतु कोई भी संतोषजनक कार्रवाई इस दिशा में नहीं की गई है। लिहाजा आज इस बाबत सतौन मुख्य बाजार से बस अड्डे तक एक रैली निकाली गई जिसमें सरकार के समक्ष यह मांग रखी गई कि किसी भी सूरत में आगामी लोकसभा चुनावों से पहले जिला सिरमौर के ट्रांसगिरी क्षेत्र को जनजातीय घोषित किया जाऐ।
इस दौरान सतौन पंचायत के उप-प्रधान रामेश्वर शर्मा, अधिवक्ता अनिल ठाकुर फ्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष राजपाल शर्मा, प्रेम तोमर, अमित ठाकुर, वीरू मगवाल, अनुज शर्मा, मंगल ठाकुर, कुलदीप गढवाल सहित दर्जनों लोग शामिल रहे।