शिमला (एमबीएम न्यूज़) : भाजपा के खिलाफ जवाब दें सांसद, हिसाब दें सांसद अभियान के आखिरी दिन शनिवार को प्रदेश कांग्रेस महासचिव व विधायक हर्षवर्धन चौहान ने हिमाचल भाजपा के चारों सांसदों को जमकर निशाने पर लिया।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बीते चार साल में चारों भाजपा सांसद रेलवे, औद्योगिक पैकेज, आर्थिक पैकेज, सेब आयात शुल्क इत्यादि मुददों पर प्रदेश की जनता को सब्जबाग दिखाते रहे, लेकिन प्रदेश में इन क्षेत्रों में कोई काम नहीं हुआ।
उन्होंने भाजपा सांसदों पर सांसद निधि को खर्च करने में भेदभाव बरतने का आरोप जड़ा और कहा कि सिरमोर जिले के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में सांसद निधि का बहुत ही कम पैसा खर्च हुआ है। उनका कहना रहा कि सांसद निधि का हर विधानसभा हलके में वितरण नहीं हुआ है। इसलिए उसके बारे में सांसद बताए कि कितना पैसा किस हलके को मिला। उन्होंने सभी चार सांसदों से सांसद निधि बारे श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।
हर्षवर्धन ने कहा कि बीते चार साल में भाजपा के चारों सांसद जनता से किए गए वायदों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं। सिरमौर के ट्रांसगिरी क्षेत्र, कुल्लू जिले के मलाणा और शिमला जिले के पंद्रह-बीस क्षेत्रों को जनजातीय दर्जा दिलाने में भाजपा के चारों सांसद विफल रहे। जबकि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के नेताओं ने इन क्षेत्रों को जनजातीय दर्जा देने का वायदा किया था।
हर्षवर्धन ने आगे कहा कि रेलवे विस्तार को लेकर भाजपा सांसदों ने प्रदेश की जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाए, लेकिन रेलवे क्षेत्र में हिमाचल को मोदी सरकार से कुछ नहीं दिला पाए। सिरमौर के पांवटा साहिब और सोलन के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन को रेललाईन से जोड़ने की दिशा में कोई पहल नहीं हुई। पर्यटन व सुरक्षा की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाईन पर भी मोदी सरकार ने काम आगे नहीं बढ़ाया। अब भाजपा सांसदों को इनका जवाब देना चाहिए।
सेब के आयात शुल्क के मामले में भाजपा सांसदों की घेराबंदी करते हुए चौहान ने कहा कि चारों सांसद केंद्र की अपनी सरकार से सेब पर आयात शुल्क की बढ़ोतरी कराने में पूरी तरह विफल रहे और इसका खामियाजा प्रदेश के बागवानों को झेलना पडे़गा, क्योंकि आयात शुल्क न बढ़ने पर विदेशी सेब की आमद से हिमाचली सेब को खतरा पैदा हो गया है। हर्षवर्धन ने उन्होंने आरोप लगाया कि सिरमौर जिले के ट्रांसगिरी को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के मामले को भी भाजपा के सांसद केंद्र से नहीं उठा पाए।
उन्होंने प्रदेश भाजपा सरकार के 50 दिन के कार्यकाल को निराशाजनक करार दिया और कहा कि इस अवधि में प्रदेश में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले हुए हैं। इस छोटी सी अवधि में सरकार ने 500 अधिकारियों और 20 हजार कर्मचारियों के तबादले किए जो कि एक रिकार्ड है। मंडी जिले के जंजैहली मामले पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व शर्मनाक है, क्योंकि यह मसला मुख्यमंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र का है।
हर्षवर्धन ने कहा कि विपक्षी पार्टी होने के नाते कांग्रेस सूबे के भाजपा सांसदों से उनकी चार साल की कारगुजारियों का हिसाब मांग रही है और सांसदों को इसका जवाब देना चाहिए।