राजगढ़ (एमबीएम न्यूज): हिमाचल पथ परिवहन निगम में कंडक्टरों की भर्ती को लटकाने के मामले में टीएमपीए (ट्रांसपोर्ट मल्टीपरपज असीस्टेंट) बेरोजगार संघर्ष समिति न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है। टीएमपीए परीक्षार्थियों का कहना है कि अगर सरकार इस बारे जल्द कोई निर्णय नहीं लेती है तो संघर्ष समिति कोर्ट का सहारा लेगी।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि शनिवार को प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में कोई फैसला ले, अन्यथा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई फैसला न लेने की सूरत में 20 फरवरी को संघर्ष समिति शिमला, मंडी व धर्मशाला में आंदोलन करेगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
टीएमटी परीक्षार्थी विपिन शर्मा, अनिल शर्मा, करन ठाकुर, दीपराज, बोध सिंह, संजय व समस्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व परिवहन मंन्त्री गोविंद ठाकुर से मांग की हैं कि शीघ्र अति शीघ्र इस भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित किया जाए। ताकि रोजगार की बाट जोह रहे बेरोजगारों को राहत मिल सके।
एचआरटीसी में बीते वर्ष 2017 में 1300 टीएमपीए कंडक्टरों के पदों को भरने के लिए आवेदन मागें गये थे। जिसमें एचआरटीसी को 35 हजार करीब आवेदन प्राप्त हुए थे। 17 सितंबर 2017 को एचआरटीसी ने लिखित परीक्षा का आयोजन भी करवाया गया था। इसमें से 28 हजार के करीब आवेदकों ने लिखित परीक्षा में भाग लिया था। इनमें से 3816 परीक्षार्थियों को मैरिट के आधार पर मूल्यांकन साक्षात्कार के लिए चयनित किया गया था। लेकिन पू्र्व सरकार विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू होने के कारण टीएमपीए भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित नहीं कर पाई।
प्रदेश में सता परिवर्तन के चलते नई सरकार ने यात्री कौशल विकास योजना के तहत परिचालक प्रशिक्षण से काम चलाने के लिए अनुमति दी, मगर टीएमपीए भर्ती को नहीं। बेरोजगार टीएमपीए परीक्षार्थियों का आरोप है कि अगर परिचालक परिक्षण से काम चलाना था, तो भर्ती क्यों करवाई गई।