ऊना (एमबीएम न्यूज): हाल ही में एसपी साहब ने खुद रात्रि गश्त के दौरान चार भैंसों को ले जा रहे ट्रक को दबोच लिया। साहब ने बताया कि उन्हें एक हजार रुपए की रिश्वत देने की कोशिश हुई।
मामला मीडिया की हैडलाइन बन गया, लेकिन संतोषगढ़ में पेशे से मोची का काम करने वाले एक बुजुर्ग की होमगार्ड के जवानों ने बेरहमी से पिटाई कर दी। इस पर पुलिस महकमा खामोश है। डयूटी पर कोताही बरतने वाले पुलिस कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं, लेकिन बुजुर्ग को एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी न्याय नहीं मिला है।
दरअसल 7 फरवरी की सुबह तीन बजे के आसपास बुजुर्ग ताराचंद शौच के लिए दुकाननुमा घर से बाहर निकला था। इसी दौरान होमगार्ड के दो जवानों ने उसे चोर कहकर पीटना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया में बुजुर्ग के लिए 10 लाख के मुआवजे की मांग की जा रही है। साथ ही उचित कार्रवाई की भी डिमांड है। 13 फरवरी को साहस जुटाकर ताराचंद ने एसपी कार्यालय में शिकायत सौंपी थी।
सूत्र बताते हैं कि संतोषगढ़ पुलिस को पहले से ही इस मामले की जानकारी थी। हालांकि सीधी बात नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि अपने तर्क में पुलिस ने कहा है कि बुजुर्ग नशे में धुत्त था। इसमें होमगार्ड कर्मियों का कोई दोष नहीं है। बहरहाल सवाल यह उठता है कि बगैर जांच के होमगार्ड कर्मियों को कैसे क्लीनचिट दी जा रही है।
उधर एसपी दिवाकर शर्मा ने शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि मेडिकल रिपोर्ट की इंतजार है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
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