कांगड़ा (रीना शर्मा): जिला के प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में गुप्त नवरात्र का शुभारंभ 18 जनवरी को हो चुका है। जिसमे पुजारी वर्ग का अहम योगदान रहता है। प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर में गुप्त नवरात्रों के चलते 9 दिनों तक पाठ, जाप व अनुष्ठान किया जाएगा। जिसमें भाग लेने के लिए मंदिर में 9 दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान में पुजारी व विद्वान भाग ले रहे हैं।
अनुष्ठान में दुर्गा सप्तशती के पाठ के अलावा 51 हजार गणपति मंत्र व बटुक भैरव मंत्र का जाप किया जाएगा। साथ ही 31 लाख बार गायत्री मंत्र का जाप और सवा लाख बार मां के मूल मंत्र का जाप किया जाएगा। ज्वालामुखी मंदिर के सहायक आयुक्त राकेश शर्मा व विधायक रमेश धवाला ने विशेष पूजा अर्चना के साथ इसका शुभारंभ किया था।
मंदिर के पुजारी ट्रस्ट सदस्य मधुसूदन शर्मा, प्रशांत शर्मा, सौरभ शर्मा ,शैलेश शर्मा ने बताया कि कल्याण के लिए गुप्त नवरात्रों में अनुष्ठान किया जाता है। इन गुप्त नवरात्रों में किए गए पूजन हवन यज्ञ का फल कई हजार गुणा अधिक होता है और उन्हें श्रेष्ठ माना जाता है।
आज गुप्त नवरात्र के चौथे दिन भी पुजारी वर्ग द्वारा हजारो की संख्या में पूजा, पाठ व जप आराधना की गई। मंदिर अधिकारी वेद प्रकाश ने बताया कि गुप्त नवरात्रों के दौरान विश्व शांति व विश्व कल्याण के लिए मां ज्वाला के मूल मंत्र, बटुक भैरव व अन्य जप किए जाएंगे।
आइये जानिए क्या है गुप्त नवरात्रे
हिंदू धर्म में नवरात्र मां दुर्गा की साधना के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। नवरात्र के दौरान साधक विभिन्न तंत्र विद्याएं सीखने के लिए मां भगवती की विशेष पूजा करते हैं। तंत्र साधना आदि के लिए गुप्त नवरात्र बेहद विशेष माने जाते हैं। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। इस नवरात्रि के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी होती है।
माघ गुप्त नवरात्र 18 जनवरी 2018 से लेकर 26 जनवरी 2018 तक रहेगी
गुप्त नवरात्र पूजा विधि
मान्यतानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्रों की तरह ही पूजा करनी चाहिए। नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। घटस्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम के समय मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्र व्रत का उद्यापन करना चाहिए।
गुप्त नवरात्रि का महत्व
देवी भागवत के अनुसार जिस तरह वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं।
गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियां
गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।