राकेश कुमार / सोलन: शराब ठेका खोलने के लिए सरकार द्वारा नियम निर्धारित किए गए हैं लेकिन इन नियमों का शराब बेचने वाले ठेकेदार परवाह ही नहीं करते । विद्यालयों एवं अस्पताल से 50 मीटर की दूरी कम से कम होनी नियमानुसार लाजमी मानी जाती है लेकिन भोजनगर स्थित इस शराब ठेकेदार को नियमों की परवाह कहां । महज 5 मीटर से कम दूरी पर आयुर्वेदिक अस्पताल तो मात्र 10 मीटर की दूरी पर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजनगर । जिस स्थान के लिए इस ठेके की अनुमति प्रदान की गई है यह ठेका केवल एक दिन के लिए उस स्थान पर खोला गया था व दूसरे ही दिन इसे विद्यालय व अस्तपाल की दहलीज पर खोल दिया गया व पिछले तीन वर्ष से यथावत गैर कानूनी तरीके से धड़ले से चल रहा है । ठेके के साथ बना ढ़ाबा भी अब आहते का रूप लेकर अच्छी कमाई में जुटा है । लेकिन न तो प्रशासन न ही आवकारी एवं कराधान विभाग ने इस ठेके को हटाने का प्रयास किया । विद्यालय परिसर एवं औषधालय के साथ सटे इस शराब ठेके का विद्यालय पर पढ़ने वाले छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है तो गैर कानूनी तरीके से चल रहा आहता अस्पताल में आ रही महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है । हैरानी का विषय यह है कि जिस स्थान पर यह शराब ठेका खोला गया है उस गांव में शराब ठेका खोलने की शराब ठेकेदार के पास अनुमति ही नहीं बतायी जा रही है । लोगों का कहना है कि ठेका की अनुमति ग्राम पंचायत भोजनगर की सहमति से पंचायत के छरोट गांव में दी गई है लेकिन ठेकेदार ने बिना अनुमति के पिछले तीन वर्षों से ठेका अन्यत्र खोल कर आवकारी एवं कराधान के नियमों को धत्ता दिखाते हुए ठेका चला रहा है । ठेकेदार मौके पर न होने के कारण उससे बात नहीं हो पायी व उसके करींदे केमरे पर बोलने के लिए अपनी नौकरी का हवाला देकर सामने ही नहीं आए । ग्राम पंचायत भोजनगर द्वारा भी शराब ठेके को अनुमति वाले स्थान पर स्थानांतरण करने बारे नोटिस दिया गया है लेकिन शराब ठेकेदार के कान पर जूं तक न रेंगना ठेकेदार के दबंगईता को इंगित करता है । विद्यालय के छात्रों का नशे की ओर आर्कषण एवं महिलाओं की परेशानी को देखते हुए विद्यालय की प्रबन्धन समिति ने अब शराब ठेकेदार के खिलाफ विरोध में उतरने लगी है । प्रबन्धन समित के प्रधान अमर सिंह ने इस बारे प्रशासन को भी अवगत करवाया लेकिन अभीतक कार्यवाही न किए जाने से उन्हें निराशा ही हाथ लगी है । अमर सिंह ने कहा कि विद्यालय के बच्चों पर शराब ठेके का गलत असर पड़ रहा है । उन्होंने कहा कि उन्होनंे यदि नियमानुसार शराब ठेके को स्थानंात्रित नहीं किया गया तो स्थानीय लोगों को आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा । विद्यालय की छात्रा आशा व वीना ने कहा कि शराब ठेके कारण उन्हें पास से गुजरना कठिन हो जाता है तो छात्र शराबियों का अनुसरण करने लगते है। उन्होने कहा कि अस्पताल आते जाते महिलाओं व छात्राओं को कई बार शराबियों की गाली गलोच का भी सामना करना पड़ता है उन्होनें शराब ठेके को हटा का अन्यत्र स्थनांत्रित करने का आग्रह सरकार से किया है। भोजनगर विद्यालय के एक अन्य छात्र कमल ने कहा कि शराब ठेका विद्यालय से दूर रखा जाना चाहिए ताकि छात्रों को नशे से दूर रखा जा सके । सरकार की नशा निवारण के लिए किए जा रहे प्रयासों की पोल खोलता,सरकारी आवकारी एवं कराधान नियमों की धज्जियां उठाते शराब ठेकेदार के खिलाफ सरकार एवं प्रशासन की मूकदर्शिता कहीं न कहंी शराब माफिया के दबंगईता का एक प्रमाणमात्र है । प्रशासन को चाहिए की नियमों की अवहेलना करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाए ।
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