हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़): जिला के किसी भी पेट्रोल पंंप को चलाने के लिए दमकल विभाग ने अनुमति नहीं दी है। विभाग की बिना अनुमति के चल रहे पट्रोल पंप पर अग्निशमन यंत्र तो मात्र दिखावे के लिए लगाए गए है। यंत्र चलने काबिज है या नहीं इसका कोई प्रमाण नहीं है।
दमकल विभाग जिला से पिछले दो वर्ष के काल में किसी भी पेट्रोल पंप को एनओसी नहीं दी गई है। बड़ी बात यह है कि किसी भी पेट्रोल पंंप की तरफ से एनओसी के लिए आवेदन भी नहीं आया। जब दमकल विभाग का प्रमाण पत्र जारी ही नहीं हुआ तो पेट्रोल पंप चलाने के लिए अनुमति कैसे मिल गई।
जिला में मौजूदा समय में शहर में चार पेट्रोल पंप चल रहे है। इसके इलावा हिमाचल पथ परिवहन निगम के बस अड्डे पर भी एक पेट्रोल पंप है। घनी आबादी में बसें शहर में पांच पेट्रोल पंंप एक दूसरे से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है। यदि किसी एक पेट्रोल पंप में अनहोनी हो जाए। तो यह शहर के सभी पेट्रोल पंप को अपनी चपेट में लेकर शहर को आग के अंगारों में झुलसने को मजबूर कर देेंगा।
हालांकि पेट्रोल पंंप प्रबंधन द्वारा पेट्रोल पंप पर अग्निशमन यंत्र लगाए हुए है। लेकिन इन यंत्रों का निरीक्षण दमकल विभाग ने नहीं किया है। मात्र दिखावे के लिए लगाए गए इन यंत्रों का न तो कभी निरीक्षण हुआ है। सबसे बड़ी चूक के चलते शहर ही नहीं बल्कि जिला भी असुरक्षित है। क्योंकि शहर के बाहर चल रहे पेट्रोल पंप के भी यही हालात है।
दमकल विभाग स्वयं इसकी पुष्टि कर रहा है। विभाग का दावा है कि शहर में किसी भी पेट्रोल पंप को चलाने के लिए यहां से अनुमति नहीं दी गई है। इससे स्पष्ट हो गया है कि पेट्रोल पंंप के बारे में दमकल विभाग को जब जानकारी ही नहीं है। तो सुरक्षा व्यवस्था का जायजा कैसे लिया जा सकता है। जबकि कायदे पर ध्यान दिया जाए तो पेट्रोल पंप को चलाने से पहले तमाम अनुमतियां लेनी पड़ती है। इन्हीं अनुमति में दमकल विभाग की अनुमति सबसे महत्वपूर्ण है। विभाग ने अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना जिला में पेट्रोल पंप कैसे चल रहे है। यह भी एक चुनौती पूर्ण सवाल है।
प्रभारी अग्निशमन विभाग हमीरपुर
हमने किसी भी पेट्रोल पंप को एनओसी नही दी है। हमारे पास पिछले दो वर्षो का रिकॉर्ड है। शहर में चलने वाले पेट्रोल पंप बिना एनओसी से चल रहे है और अभी तक किसी का आवेदन भी नहीं आया है।