मंडी (वी कुमार ) : क्षेत्र के लोगों द्वारा पिछले 20 सालों से उठाई जा रही जालपा से जालपा पुल की मांग पूरी होने जा रही है। यह भी एक इत्तफाक ही है कि प्रदेश में जय राम ठाकुर की अगुवाई में बनी सरकार के समय ही इसका टैंडर हुआ है और अब इस पुल का काम शुरू होगा जो शहर के लोगों के लिए नई सरकार का नए साल में एक तोहफा हो सकता है।
यह पुल 4 करोड़ 59 लाख रुपए की लागत से तैयार होगा। पहले इसे पड्डल के जालपा माता मंदिर से पुरानी मंडी के जालपा मंदिर के बीच बनाया जाना था मगर बीच में कुछ अड़चन आ जाने से अब यह शिव शंभू मंदिर के ऊपर से होकर पुरानी मंडी की इंदिरा आवास कालोनी के बीच बनेगा। यह पुल लोहे का सस्पेंशन शैली का होगा तथा इसकी लंबाई लगभग 125 मीटर होगी।
टैंडर हो जाने से अब उम्मीद बन गई है कि आने वाले डेढ़ साल में प्रदेश के इस दूसरे बड़े शहर को एक अति महत्वपूर्ण पुल ब्यास नदी पर मिल जाएगा जो शहर के एक बड़े भाग को सीधे दूसरे भाग से जोड़ देगा। इस पुल के बन जाने से पुरानी मंडी व जवाहर नगर की ओर से आने वाले लोग अपने वाहनों में सीधे पड्डल मैदान, कालेज, आईटीआई, सदर थाना, बस स्टैंड की ओर आ जा सकेंगे।
इससे शहर में निश्चित रूप से ट्रैफिक का बोझ कम होगा और यह पुल एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा क्योंकि अब तक यहां के लोगों को विक्टोरिया पुल होकर शहर की तंग सडकों या फिर लंबा चक्कर काटकर भियूली पुल से होकर शहर या बस स्टैंड की ओर आना पड़ता है। अब टैंडर भले ही इस पुल का भाजपा की नई सरकार के समय में खुला हो मगर इसका शिलान्यास कांग्रेस राज में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था। कई अड़चनें इसका काम शुरू करने में आ रही थी जो नई सरकार के आते ही यकायक दूर हो गई। इस पुल की मांग लोग 1998 से कर रहे थे।
मंडी नगर परिषद भी इसे लेकर कई बार प्रस्ताव पारित कर चुकी है तथा निवर्तमान अध्यक्ष नीलम शर्मा ने भी इस मामले को उठाया था। पूर्व अध्यक्ष पुष्प राज शर्मा का कहना है कि 20 साल के संघर्ष के बाद यह मांग पूरी होने जा रही है जो शहर के लिए एक क्रांतिकारी कदम होगा। टैंडर खुल जाने की पुष्टि करते हुए अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग जगेश वैद्य ने कहा कि अवार्ड की औपचारिकताएं सर्कल स्तर पर पूरी हो रही है तथा बहुत जल्द इस पुल का काम शुरू हो जाएगा। यह पुल सुंदरता के साथ-साथ यातायात व्यवस्था के लिए भी एक क्रांतिकारी कदम होगा।