शिमला (एमबीएम न्यूज़) : गुड़िया हत्याकांड से जुड़े सूरज लॉकअप केस में गिरफ्तार प्रदेश पुलिस के आईजी जहूर जैदी की जमानत पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। हाईकोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख तय नहीं की है।
सीबीआई ने आईजी को बीते वर्ष 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था। आईजी की जमानत याचिका पर जमकर बहस हुई। आईजी के वकील ने कोर्ट को बताया कि आईजी के खिलाफ केस नहीं बनता है, ऐसे में उसे जमानत मिलनी चाहिए।
दूसरी तरफ सीबीआई के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए अपनी दलील में कहा कि आरोपी आईजी के खिलाफ गैर जमानती मामला बनता है। उसके खिलाफ 302 और 129 बी के तहत केस दर्ज है। सूरत की लॉकअप में हुई हत्या के दौरान आईजी ही पूरी एसआईटी का नेतृत्व कर रहा था।
जज ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद जमानत अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया। सीबीआई के अधिवक्ता अंशुल बंसल ने बताया कि हाईकोर्ट ने आईजी की जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा है।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष 6 जुलाई को कोटखाई के हलाइला जंगल मे गुड़िया का शव बरामद हुआ था। गैंगरेप के बाद गुड़िया को बड़ी बर्बरता से मौत के घाट उतारा गया था। इसकी जांच के लिए हिमाचल पुलिस ने आईजी जैदी की अगुवाई में एसआईटी बनाई। इस एसआईटी ने सूरज सहित 6 लोगों को गुड़िया की हत्या केस में गिरफ्तार किया। लेकिन 18 जुलाई की रात्रि सूरज की कोटखाई थाने के लॉकअप में मौत हो गई। अगले दिन हाईकोर्ट ने गुड़िया और सूरज हत्या केसों की जांच सीबीआई को सौंपी।
सीबीआई ने 28 अगस्त को आईजी जैदी सहित 8 पुलिस वालों को गिरफ्तार किया था। 16 नबम्बर को पूर्व एसपी नेगी को भी इसी केस में गिरफ्तार किया गया। ये सभी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। आईजी सहित 8 पुलिस वालों के खिलाफ सीबीआई निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।