मनीषा ठाकुर । हरिपुरधार : उप तहसील हरिपुरधार के दियूड़ी खड़ाह पंचायत के खरोटी व खड़ाह गांव जब से अस्तित्व में आए हैं, तभी से इन दोनों गांव में शराब बनाने बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इन दोनों गांव में 95 फीसदी से अधिक लोग ऐसे हैं, जो शराब पीना तो दूर की बात, इसे छूना भी पाप समझते हैं। दोनों गांव के लोग बिजट महाराज देवता के अराध्य भक्त है।
बिजट महाराज अपने किसी भी भक्त को शराब बनाने, बेचने व पीने की इजाजत नहीं देते हैं। सैंकड़ों वर्षो से लोग अपने अराध्य देव के आज्ञा की अनुपालना कर रहे हैं। शराब पर प्रतिबंध होने के कारण दोनों गांव में अमन व चैन है। गांव के लोग सुखी व संपन्न हैं। इस खुशहाली को लोग अपने अराध्य देवता बिजट महाराज की असीम कृपा मानते हैं।
इन गांव से प्रेरित हो कर लगभग डेढ़ दशक पहले टिकरी डसाकना पंचायत के रनवा गांव की महिलाओं ने भी शराब माफियां पर नकेल कसते हुए गांव में शराब बनाने व बेचने पर पूरी तरह से रोक लगाई थी। युवक मंडल के सहयोग से महिलाओं के इस अभियान को भारी सफलता मिली थी। महिलाओं की ओर से किए गए इस प्रयास की आस पास की पंचायतों में भी काफी चर्चा हुई थी।
खरोटी, खड़ाह व रनवा गांव से प्रेरित होकर पड़ोसी पंचायत गेहल डिमाइना के पूर्व पंचायत प्रधान स्व. दलीप भिमटा ने पूरी पंचायत में शराब बनाने व बेचने पर रोक लगाने की ठान ली। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले महिलाओं व युवाओं को जागरुक किया। बाद में शराब पर रोक लगाने के लिए पंचायत में आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित किया।
पंचायत की महिलाओं व युवाओं के सहयोग से 12 साल पहले पंचायत के सभी 9 गांव में शराब बनाने व बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया। क्षेत्र में शराब पर पूर्ण पाबंदी लगाने वाली गेहल डिमाइना पहली पंचायत बन गई। हालांकि पंचायत प्रधान व युवक मंडल के कुछ सदस्यों को शराब माफियां के विरोध का भी सामना करना पड़ा मगर माफिया पर कड़ा शिकंजा कसने के बाद एक दशक से भी अधिक समय से पूरी पंचायत में शराब पर पूर्ण पांबदी लगी हुई है।
पंचायत प्रधान वेद प्रकाश ठाकुर बताते है कि महिलाओं व युवाओं के इस प्रयास का नतीजा यह है कि पूरी पंचायत में पिछले एक दशक से घरेलू अंतर्कलह व लड़ाई-झगड़े पर पूरी तरह से विराम लग गया है। इसके अलावा जरवा जुनेली पंचायत के जरवा, बियोंग टटवा पंचायत के बियोंग, टटवा बढ़ोल पंचायत के पंजाह, कुणा व भलाड़ भलौना पंचायत के भलाड़ व भलौना समेत दर्जनों गांव में पिछले कई वर्षो से शराब बनाने व बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।