रिकांगपिओ (जीता सिंह नेगी): परियोजना के दुष्टप्रभावों के कारण रिहायशी मकानों को हुए नुकसान का उचित मुआवजा न दिए जाने को लेकर किन्नौर जिला के मीरू पंचायत क्षेत्र के ग्रामीणों ने परियोजना निर्माण कम्पनी डीएलआई के विरुद्ध कडा रोष जताया है।
किन्नौर जिला के मीरू पंचायत क्षेत्र के उप प्रधान शेर चन्द सहित कई ग्रामीणों ने प्रैस को जारी ब्यान में बताया कि मीरू पंचायत क्षेत्र में डीएलआई कम्पनी द्वारा भूमिगत जलविद्युत परियोजना निर्माण के दौरान भारी शक्तिशाली विस्फोटों का प्रयोग करने से गांव के अधिकांश ग्रामीणों के रिहायशी मकानों में दरारे पडने से कई मकान असुरक्षित हो गए है। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए डीएलआई कम्पनी ने गत दिनों लाडा कमेटी के माध्यम से नुकसान का आंकलन करवाया गया।
आंकलन के बाद कम्पनी द्वारा नुकसान की भरपाई के लिए राशि प्रशासन के माध्यम से दी जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि कम्पनी ने किसी कथित साजिश के तहत नुकसानी का आंकलन बहुत ही कम तैैयार किया है जो कि ऊंट के मुहं में जीरा के समान है। पंचायत उप प्रधान सहित कई ग्रामीणों ने सर्वे कमेटी द्वारा कम्पनी को फायदा पंहुचाने के लिए नुकसानी कम दिखाने का भी आरोप लगाया है।
ग्र्रामीणों का यहां तक कहना है कि कई मकानों की पूरी दिवारे तक गिर चुकी है, लेकिन उन्हे भी चन्द हजार रूपयों में ही निपटाने की कोशिश की गई है। उन्होने कहा कि डीएलआई कम्पनी इस पूरे मामले पर पुनः विचार कर प्रत्येक घर का पुनः नुकसान का आंकलन करवाए, ताकि प्रभावितों को उचित मुआवजा प्राप्त हो सके। अन्यथा ग्रामीण कम्पनी प्रबंधन के विरुद्ध न्यायालय में जाने को विवश होंगे ।
लाडा कमेटी के जेई द्वारा क्षतिग्रस्त मकानों का आंकलन किया गया है। किन पैरा मीटर पर यह आंकलन हुआ है उस की हमे कोई जानकारी नहीं है। मनोज शाह डीजीएम, डीएलआई कम्पनी।