बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : सुबह 6:00 बजे पानी के आने का इंतजार और ग्राउंड टैंक भरने के बाद मोटर ऑन करने की ड्यूटी। ऊपर का टैंक भरने के बाद मोटर को ऑफ करने की ड्यूटी। शाम को फिर से इसी प्रकार का उपक्रम हर घर की कहानी है। लेकिन अब एक युवा द्वारा तैयार किए गए मॉडल से न सिर्फ लोगों के समय में बचत होगी, बल्कि पानी के व्यर्थ बहने के नुकसान से राहत मिलेगी। नगर के डियारा सेक्टर में अंशुल ने एक ऐसा मॉडल तैयार करने में सफलता हासिल की है जो पानी, समय और बिजली बचाता है।
यह युवक एमए की पढ़ाई कर रहा है। हालांकि वह इंजीनियर नहीं है। 12 वीं कक्षा विज्ञान संकाय में उतीर्ण कर घरेलू परिस्थितियों के कारण बीटैक की पढ़ाई नहीं कर पाया। बावजूद इसके अंशुल अपने पिता की छोटी सी दुकानदारी में हाथ बंटाता है। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम आपके घर में आने वाले पानी से लेकर उस पानी को ऊपर वाले टैंक में चढ़ाने तक पूरा काम अपने आप ही संभालता है, मतलब कि यदि आप घर में भी नहीं है तो आप को पानी भरने से संबंधित किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
इस सिस्टम में तीन सेंसर लगे हैं, जिन्हें ग्राउंड टैंक और छत के ऊपर वाले टैंक दोनों में लगाना है ग्राउंड टैंक में दो सेंसर रहते हैं और अप्पर टैंक में सिर्फ एक सेंसर लगाया जाएगा। जैसी ही ग्राउंड टैंक में सुबह या शाम को पानी भरना शुरू होता है और यह पानी ग्राउंड टैंक के ऊपर की ओर लगे हुए सेंसर को टच करता है। आपकी मोटर ऑटोमेटिक ऑन हो जाती है और आपका छत के ऊपर वाला टैंक भरने लगता है और जैसे ही आपके ऊपर वाले टैंक में पानी पूरा भर जाता है या उसमें लगे ऊपर की ओर सेंसर को पानी टच कर जाता है तो यह मोटर को अपने आप ही बंद कर देगा। जब तक आप की मोटर चलती रहती है, तब तक यह सिस्टम एक रेड कलर की एलईडी को भी ऑन रखता है तथा जब ऊपर का टैंक पूरा भर जाता है तो यह ग्रीन एलईडी को एक बार ग्लो करता है।
इसके अलावा कई बार कुछ ऐसी स्थितियां भी आ जाती हैं कि ऊपर का टैंक भरने से पहले ही ग्राउंड टैंक में पानी खत्म हो जाता है। ऐसी स्थिति में हमारा तीसरा सेंसर जो ग्राउंड टैंक के नीचे की ओर लगा होता है, मोटर को बंद कर देगा। इसे ड्राई रनिंग प्रोडक्शन भी कहते हैं। इसी प्रकार यदि कोई अन्य स्थिति उत्पन्न होती है, उसे भी यह सिस्टम आसानी से संभाल लेता है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के अनेक मॉडल बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें देखने के बाद उन्हें फुली आटोमैटिक वाटर कंट्रोल सिस्टम नहीं कहा जा सकता।
उनसे सिर्फ एक हद तक पानी को कंट्रोल कर सकते हैं, लेकिन यह सिस्टम हर स्थिति में पूरी तरह से पानी को कंट्रोल कर सकता है। इस सिस्टम की कीमत बाजार से कम होगी। उल्लेखेनीय है कि इसके अलावा अंशुल ने चोरियां रोकने के लिए एक सिस्टम बनाया था, जिसे डेंजर का नाम दिया गया था। इस सिस्टम को लोगों के द्वारा बहुत सराहना की गई।