शिमला (एमबीएम न्यूज़) : बहुचर्चित गुडि़या रेप एंड मर्डर केस के एक आरोपी सूरज की लॉकअप में हुई मौत के मामले में गिरफ्तार 9 पुलिस वालों को न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद आज शिमला की स्थानीय अदालत में पेश किया गया। इन पुलिस वालों में आईजी जहूर जैदी, एसपी डीडब्लयू नेगी व डीएसपी मनोज जोशी शामिल हैं। अदालत ने सभी 9 पुलिस वालों को 29 दिसम्बर तक के लिए फिर से न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई ने अदालत को बताया कि उन्होंने प्रदेश सरकार से गिरफ्तार पुलिस अफसरों के खिलाफ ट्रायल चलाने की अनुमति मांगी थी जो अभी तक नहीं मिली है। ऐसे में जांच एजेंसी ने आरोपी पुलिस वालों की हिरासत बढ़ाने की मांग की, जिसे अदालत ने मान लिया। अब 29 दिसम्बर को इन्हें फिर अदालत में पेश किया जाएगा।
इसके साथ ही वायॅस सेंपल के मामले पर आज भी पुलिस वालों की तरफ से कोई अधिवक्ता अदालत में पेश नहीं हुआ। पुलिस वालों ने अदालत से अधिवक्ता का इंतजाम करने के लिए समय दिए जाने का आग्रह किया। अब इस मामले की सुनवाई भी 29 दिसम्बर को तय हुई है। सनद रहे कि सीबीआई ने इन पुलिस वालों के वायस सेंपल लेने के लिए अदालत में अर्जी दी है। लॉकअप केस में साक्ष्य एकत्रित करने के लिए सीबीआई हिरासत में चल रहे पुलिस वालों का वायस सेंपल लेना चाहती है।
सूरज की हत्या के मामले में आईजी जैदी समेत गिरफ्तार आठ पुलिसकर्मी 29 अगस्त से हिरासत में चल रहे हैं। जबकि एसपी शिमला रहे डी डब्ल्यू नेगी को सीबीआई ने 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था।
इस बीच गुडि़या केस में कल बुधवार को सीबीआई को प्रदेश हाईकोर्ट में फाइनल स्टेटस रिपोर्ट दायर करनी है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआई को पूरी स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में सीबीआई अब तक छह से ज्यादा बार स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है।
सीबीआई पांच माह से गुडि़या केस की जांच कर रही है। पिछले कुछ हफतों से सीबीआई के काम में तेजी आई है और सीबीआई अधिकारी कोटखाई के उस क्षेत्र में सबूतों की तलाश करने में दिन-रात एक कर रहे हैं, जहां गुडि़या को बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया था। इस मामले में सीबीआई कई संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है। लेकिन अभी तक उसके हाथ कुछ भी नहीं लगा है। कुछ दिन पहले ही सीबीआई ने गुडि़या के कातिलों का सुराग देने वाले को 10 लाख का ईनाम देने की घोषणा की है।