हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़) : निजी बसों में यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। हालात यह है कि मात्र डेढ़ से दो किमी सफर का किराया पांच रुपए लिया जा रहा है। इतना ही नहीं अगर कोई यात्री परिचालकों द्वारा अधिक किराया वसूलने का विरोध करता है, तो परिचालक यात्रियों से बदस्लूकी पर उतर आते हैं।
गौर रहे कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम किराया तीन रुपए निर्धारित किया गया है। हालांकि इससे पहले सरकार ने न्यूनतम किराया पांच रुपये निर्धारित किया था, जिसका लोगों ने कड़ा विरोध किया था। लोगों के विरोध के चलते सरकार ने किराया पांच रुपए से कम कर इसे तीन रुपए कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद निजी बस परिचालक यात्रियों से पांच रुपए न्यूनतम किराया ले रहे हैं।
परिचालक यात्रियों से उलझने पर उतारू…..
यात्रियों का कहना है कि जिला से अणु की दूरी डेढ़ किमी है, लेकिन यात्रियों से परिचालक पांच रुपए किराया वसूल रहे हैं, अगर कोई यात्री अधिक किराया लेने का विरोध करता है तो परिचालक यात्रियों से उलझने पर उतारू हो जाते हैं। कई बार बस को रूकवाकर नीचे उतरने तक की हिदायत दे डालते हैं। ऐसे में निजी बस आपरेटरों की मनमर्जी के चलते यात्री दिन-दहाड़े लूटने को मजबूर हैं। लोगों का आरोप है कि क्षेत्रीय परिवहन विभाग को समस्या के बारे में कई बार अवगत करवाया जा चुका है। यहां तक कि लिखित शिकायतें भी की जा चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद विभाग ने संबंधित परिचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई है।
यात्रियों का कहना है कि निजी बस परिचालक बसों में लोकल सवारियों को नहीं बैठने देते हैं। अगर कोई सवारी बस में सवार हो भी जाए, तो उसे जलील कर बस से उतार दिया जाता है। उधर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी विक्रम महाजन का कहना है कि बस ऑपरेटर निर्धरित किराए से अधिक नहीं वसूल सकते है। ऐसे ऑपरेटरों पर शिकंजा कसा जाएगा। इस दौरान निजी बस में यात्रियों के टिकट भी जांचे जाएंगे।
मांगने पर भी नहीं मिलता है टिकट….
निजी बसों में सवारियों को टिकट मांगने पर भी नहीं मिलता है। मनमाना किराया वसूलने के बावजूद अगर कोई सवारी परिचालक से टिकट मांग ले। तो परिचालक उसे टिकट देने से साफ मना कर देते हैं। जिला में अधिकतर निजी बसों में सवारियों को बिना टिकट सफर करवाया जा रहा है। जो कानूनन अपराध है। लेकिन विभाग सब जानते हुए भी मौन बैठा है।