नाहन (एमबीएम न्यूज): जीवन भर पर्यावरण के लिए लड़ाई लडऩे वाली दिवंगत किंकरी देवी की आत्मा आज शायद बेहद दुखी होगी, क्योंकि उनके अपने ही घर में अवैध खनन बदस्तूर जारी है। पहाड़ों का सीना छलनी किया जा रहा है। स्वयंसेवी संस्था सारा की मानें तो 517 बीघा पर तीन खदानें वैध हैं, जबकि इसके अलावा 600 बीघा भूमि पर चार अन्य खदानों में अवैज्ञानिक व अवैध खनन चल रहा है।
बड़ा सवाल यह उठाया गया कि इलाके में आज तक माईनिंग गार्ड व धर्मकांटा क्यों नहीं है। संस्था का तर्क है कि 1117 बीघा भूमि पर अवैध खनन चल रहा है। संस्था के मुख्य सचिव बीएन शर्मा ने राज्यपाल को पत्र लिखकर तुरंत दखल देने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि मूलभूत स्टाफ व उपकरणों की गैर मौजूदगी में खनन कार्य करवाया जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक वैध व अवैध खदानों से लगभग तीन दर्जन ट्रक चूना-पत्थर के निकाले जा रहे हैं।
पुलिस प्रशासन ओवरलोडिंग के चालान करने को लेकर इस कारण बेबस है, क्योंकि धर्मकांटा नहीं है।
नियम कहते हैं कि जिस इलाके में खदानें हैं, वहां धर्मकांटा होना लाजमी है। संस्था ने संगड़ाह व काकोग में सीसी कैमरे लगाने की भी अपील की है। दीगर है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की पर्यावरणविद किंकरी देवी का निधन 30 दिसंबर 2007 को हुआ था। इसके बाद से खनन माफिया बेखौफ व बेलगाम है। गौरतलब है कि गत सप्ताह चंडीगढ़ में आयोजित छह राज्यों के खनन सप्ताह में इसी इलाके की खदान को बेस्ट ट्राफी से नवाजा गया।
उधर दिलचस्प बात यह है कि खनन महकमा पांवटा साहिब में रेत-बजरी के ट्रकों को पकडक़र शाबाशी बटोर रहा है। लेकिन असल अवैध खनन से मुंह फेरे है, क्योंकि इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है।