मंडी(वी कुमार): जिला के जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांटे की टक्कर मानी जा रही है वहां प्रत्याशियों की जीत का फैसला कर्मचारियों का वोट तय कर सकता है। जिला में 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं और यह जिला सरकार बनाने में हर बार अपनी अहम भूमिका निभाता है। अभी तक के जो सर्वे सामने आए हैं उसके अनुसार अधिकतर सीटों पर कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर बताई गई है।
ऐसे में दोनों दलों के नेता सिर्फ पोलिंग बूथों पर हुए मतदान को लेकर ही गुणा भाग में जुटे हुए हैं जबकि पोस्टल बैलेट का गुणा भाग अभी पहुंच से दूर है। जिला में 16978 कर्मचारी मतदाता हैं। इसमें 10023 सिविल कर्मचारी हैं जबकि 6955 डिफेंस कर्मचारी हैं। अभी तक जिला निर्वाचन अधिकारी के पास 7122 सिविल कर्मचारियों के और 2945 डिफेंस कर्मचारियों के वोट पोस्टल बैलेट के माध्यम से प्राप्त हो चुके हैं, जबकि बाकी कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट आने का क्रम लगातार जारी है।
जिला निर्वाचन अधिकारी मदन चौहान ने बताया कि यह प्रक्रिया 17 दिसंबर शाम पांच बजे तक जारी रहेगी जबकि 18 दिसंबर को सुबह से मतगणना का कार्य शुरू होगा। मदन चौहान के अनुसार अभी तक पोस्टल बैलेट का अभियान काफी सफल रहा है और करीब 15 हजार पोस्टल बैलेट आने की संभावना जताई जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन और पुलिस ने ईवीएम को कड़ी निगरानी और सुरक्षा के घेरे में रखा हुआ है। सभी विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम मशीनों को अलग-अलग स्ट्रांग रूम में रखा गया है। एसपी अशोक कुमार की मानें तो ईवीएम की सुरक्षा के लिए थ्री टीयर का सुरक्षा चक्र बनाया गया है। इसके साथ ही प्रत्येक स्ट्रांग रूम के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरों का प्रावधान भी किया गया है।