हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़) : माता-पिता नवजातों को छोड़ देते हैं या फिर ऐसे स्थानों पर फेंक कर चले जाते है। जहां उनकी जान के लिए खतरा होता है। उन्हें बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल की है। अब ऐसे बच्चों का पालन पोषण राज्य दत्तक ग्रहण एजेंसी कर उन्हें नया जीवन प्रदान करेगी। इस योजना के तहत हर अस्पताल में पालना केंद्र स्थापित होंगे।
इसमें अपनी पहचान छिपा, ऐसे माता-पिता बच्चों को पालने में डाल सकेंगे। उसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से उन्हें राज्य दत्तक ग्रहण एजेंसी के पास भेजा जाएगा, ताकि उनकी जिंदगी बच सके। इन केंद्रों को इसलिए शुरू किया जा रहा है, क्योंकि राज्य में भी कई स्थानों पर बच्चों का जन्म होते ही उन्हें फेंक दिया जाता है।
इससे उनकी जान को भी खतरा होता है। छोड़े गए बच्चों के पैरेंट्स की पहचान भी नहीं हो पाती। जिला अस्पताल में कमरा 306 स्थापित महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज कम अस्पताल में शिशु पालना केंद्र की स्थापना प्रकिया पूरी हो गई। यह केंद्र अस्पताल के कमरा नंबर 306 में स्थापित किया गया है। जबकि कमरा नंबर 302 नर्स रूम बनाया गया है। जहां छोड़े बच्चे की सूचना पहुंचेगी।
यहां भिजवाएं ऐसे बच्चे …..
जब कभी ऐसा शिशु देखें या छोडऩा चाहें तो उसे इस शिशु पालना केंद्र में पहुंचाना सुनिश्चित करें। इस केंद्र को खोलने का मुख्य उद्देश्य उन शिशुओं की देखभाल और उन्हें पालन- पोषण की सुविधा प्रदान करना है जो वैध-अवैध माता-पिता द्वारा बच्चे छोड़ दिए जाते हैं और ऐसे स्थानों पर फेंक दिए जाते हैं, जहां उनकी जान के लिए खतरा होता है। ऐसे बच्चों को बाद में किसी को कानूनी प्रकिया के तहत गोद दिया जा सकेगा।