चंबा(एमबीएम न्यूज़): राजकीय उच्च पाठशाला सुरंगाणी में बतौर प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक सेवाएं दे रहे हिंगराज चिराग को लोग अब पेड़ों वाला मास्टर के रूप में पहचानने लगे है। चिराग ने ऐसे
क्षेत्र में देवदार के पेड़ों को रोपा है जहां तापमान बिल्कुल देवदार के पेड़ों के अनुकूल नहीं है। सुरंगाणी में चालीस डिग्री सेल्सियस तापमान वाली जगह पर हिंगराज चिराग ने 105 देवदार के पेड़ रोपें है। जिनकी अब हर जगह वाह-वाही हो रही है।
विशेष तकनीक और उपायों का प्रयोग इन देवदारों के पौधों को रोपने में हिंगराज चिराग ने किया है। इसके अलावा हिंगराज चिराग ने अन्य फल और औषधीय पौधे भी रोपित किए है। गौरतलब है कि हिंगराज चिराग अपनी तनख्वाह में से एक प्रतिशत हिस्सा गरीब विद्यार्थियों को पढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण पर खर्च करते है।
हिंगराज चिराग को जहां पौधारोपण करने का शोंक है तो वहीं वर्ष 2006 में लेफ्ट आउट स्कूली विद्यार्थियों को भी राजकीय उच्च पाठशाला सरंगाणी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल कल्हेल तक पहुंचाया है। इन स्कूलों में सेवाएं देते वक्त चिराग ने यह उपलब्धि हासिल की है।
मिल चुका है राज्य शिक्षक पुरस्कार
शिक्षा के क्षेत्र में चिराग के उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2011 में उन्हें राज्य शिक्षक पुरस्कार से भी नवाज चुकी है। शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 के लिए चिराग का नाम राष्ट्रपति अवार्ड के लिए भी भेजा गया है।