हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़): भोरंज का सम्मू ताल हर राजनीतिक संगठनों की सभाओं का हर बार गवाह बनता है, पर इस ताल का कोई भी रखवाला नहीं बन सका। प्राचीन काल के इस ताल से भोरंज के सम्मू स्थान को विशेष पहचान मिली है। इस विस चुनाव के दौरान होने वाली राजनीतिक सभाएं इसी ताल के समीप खाली मैदान में हो रही है। ताल की बनी बदहाल स्थिति पर किसी का ध्यान नहीं है। पूरे ताल में गंदगी फैंकी जा रही है। चारो तरफ उगी झाड़ियां इसके रख-रखाव पर किये जा रहे ध्यान की गवाही दे रही है।
हालांकि स्थानीय पंचायत से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 9 लाख रूपया इस ताल की दशा सुधारने पर खर्च किया गया है। इसमें करीब 1 लाख रूपया वर्ष 2000 में बीडीसी फंड से लगाया गया। जबकि 2006 में 8 लाख रूपये मनरेगा के तहत खर्च किए गए। कुल मिलाकर स्थानीय पंचायत व बीडीसी ने ही अपने फंड से इस ताल के सुधार पर खर्च किया। लेकिन कोई भी बड़ा नेता इस ताल जीर्णोद्धार संजोए रखने में आगे नहीं आया।
प्राचीन गाथा से जुड़े इस ताल को संजोने के लिए बजट देना तो दूर पुरात्व विभाग को सूचना तक नहीं दी गई। नेताओं को जब भी जरूरत पड़ी तो इसी ताल के पास भोरंज की जनता को इकठ्ठा कर लिया। लेकिन इसे संजोने के लिए कोई भी प्रयास नहीं किए गए। अब विस चुनाव के दौरान सम्मू ताल चुनावी मुद्दा बन गया है। इस ताल की दशा को सुधारने के लिए कोई भी प्रयास क्यों नहीं हुए। इसके सवाल मतदाता नेताओं के समक्ष उठाएंगे।
स्थानीय पंचायत प्रधान गरीब दास ने बताया कि पंचायत ने इसके रख-रखाव पर कोशिश की है। इसी के चलते करीब 9 लाख रूपया खर्च किया गया है। बड़े स्तर का विकास सरकार के हाथ होता है। जबकि सरकार तक मामला पहुंचाना विधायक की जिम्मेदारी होती है।