मंडी (वी कुमार) : एक तरफ जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम अपने ही लगाए पौधे को उखाड़ने का मन बना चुके हैं वहीं उनके द्वारा लगाया गया पौधा अपने बागवान के खिलाफ कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। क्या है पौधे के पीछे की पूरी कहानीए जानिए इस रिपोर्ट में।
राजनीति में पौधे लगते भी हैं और उखड़ भी जाते हैं कभी-कभी, जब वो रास्ते से भटक जाते हैं। पूर्व केंद्रीय संचार राज्य मंत्री सुखराम की इस बात का इशारा उनके अपने हाथ से लगाए उस पौधे से है जो आज खूब फल-फूल रहा है। बात बल्ह के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री प्रकाश चौधरी की हो रही है। वर्ष 1998 में जब सुखराम ने हिमाचल विकास कांग्रेस के नाम से अपनी पार्टी बनाई थी तो बल्ह से प्रकाश चौधरी को एमएलए का टिकट दिया था।
इससे पहले प्रकाश चौधरी की कुछ खास पहचान नहीं थी। लेकिन हिविकां का टिकट मिलने के बाद प्रकाश चौधरी को न सिर्फ जीत मिली बल्कि भाजपा के साथ बनी गठबंधन की सरकार में हिविकां के कोटे से सीधे कैबिनेट मंत्री बनने का मौका मिला था। प्रकाश चौधरी आज जहां पर भी हैं उसके पीछे सुखराम का पूरा आशीवार्द है इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता।
मौजूदा समय में प्रकाश चौधरी कांग्रेस के सच्चे सिपाही बनकर सीएम वीरभद्र सिंह के करीबी हो गए हैं जबकि दूसरी तरफ सुखराम और उनका परिवार भाजपा में शामिल हो चुका है। इसलिए कभी जिस व्यक्ति को जीताने के लिए उन्होंने काम किया था आज उसके खिलाफ प्रचार करेंगे।
वर्ष 1998 से लेकर 2012 तक के चुनावों में हर बार सुखराम प्रकाश चौधरी के लिए प्रचार करने बल्ह जाते रहे हैं। बीते चुनावों में भी सुखराम ने समय निकालकर प्रकाश चौधरी के लिए वोट मांगे थे। यानी कहा जा सकता है कि 2007 और 2012 के चुनावों प्रकाश चौधरी को जीत दिलाने में सुखराम का योगदान रहा है। प्रकाश चौधरी का कहना है कि वह पंडित सुखराम का मान-सम्मान करते हैं, इसलिए वह उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे, भले ही वो उनके बारे में जो चाहे बोले।
प्रकाश चौधरी वीरभद्र सिंह के काफी करीबी हैं और यह तय है कि उनके प्रचार के लिए वीरभद्र सिंह बल्ह में आएंगे। यानी के यहां पर एक बार फिर राजनीति के दो धूर विरोधियों के बीच वर्चस्व की जंग देखने को मिलेगी। वीरभद्र सिंह अपने प्रत्याशी के लिए जोर लगाएंगे तो पंडित सुखराम अपने प्रत्याशी के लिए। परिणाम ही तय करेगा कि जीत किसकी होती है।