शिमला (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 28 मई 2017 को ली गई शास्त्री पद की प्रारंभिक परीक्षा का नतीजा पांच महीने से लटका हुआ है। इससे बेरोजगार युवाओं में हताशा है। दरअसल ठियोग के परीक्षा केंद्र में बड़े पैमाने पर सामूहिक नकल को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी गई थी। यह याचिका 23 जून को दाखिल की गई थी। 30 जून 2017 को उच्च न्यायालय ने परिणाम पर रोक लगा दी।
इस मामले में एडीएम द्वारा जांच रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंपी जानी थी, लेकिन इतना लंबा अरसा बीत चुका है, जांच रिपोर्ट तैयार नहीं की गई। इस मामले में 13 व 26 जुलाई के अलावा 9 व 16 अगस्त के बाद 7 व 14 सितंबर को भी सुनवाई हुई। हताश बेरोजगारों का आरोप यह भी है कि एडीएम द्वारा रिपोर्ट को नहीं सौंपा जा रहा है। युवाओं का कहना है कि अगर जल्द ही रिपोर्ट तैयार नहीं हुई तो मजबूरन उच्च न्यायालय में अलग से याचिका दायर करनी पड़ेगी।
सनद रहे कि एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने ही इस बात का खुलासा किया था कि परीक्षा केंद्र में सामूहिक नकल हुई है। कुछ परीक्षार्थियों ने मोबाइल का इस्तेमाल भी किया। यहां तक की एक डैस्क पर कई अभ्यार्थियों को बिठाकर परीक्षा ली गई थी।