कुल्लू (नीना गौतम) : दशहरा कमेटी के खिलाफ कुल्लू में पत्रकार उग्र हुए हैं। सात दिनों में दशहरा पर्व के दौरान कुल्लू में जो पत्रकारों के साथ व्यवहार हुआ उसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई है। प्रेस रूम कुल्लू में पत्रकारों ने बैठक कर प्रशासन की नाकामियों की एक-एक करके पोल खोल दी। सामूहिक तौर पर सभी पत्रकारों ने आरोप लगाए हैं कि प्रशासन ने अपने चहेतों व रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए स्थानीय मीडिया को दरकिनार करने की भरपूर कोशिश की।
पत्रकारों ने प्रशासन पर सवाल उठाए हैं कि ठेकेदारों को मीडिया के स्पैशल पास देने का अधिकार प्रशासन को किसने दिया है जिन ठेकेदारों पर प्रशासन ने लाखों रूपए बहाए उनको ही स्पैशल पास दिए गए और फ्रॉड मीडिया की फौज खड़ी करके स्थानीय मीडिया के सर पर बिठा दी गई। मीडिया की हर सुविधा में कटौती करके इन चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है। यही नहीं अंतिम संध्या में प्रेस गैलरी में प्रशासन ने अपने रिश्तेदारों को विराजमान करवाया और मीडिया को जमीन नसीब हुई। जिसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई है।
गौर रहे कि दशहरा पर्व में प्रेस गैलरी में बैठने के लिए गेट पास प्रशासन द्वारा नियमानुसार दिए जाते हैं। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारी की पहचान के बाद एसपी कुल्लू से वेरीफाई करके पास दिए जाते हैं और इस बार भी ऐसा ही हुआ। लेकिन स्थानीय पत्रकारों को तो यह सारी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ी लेकिन इसके बाद प्रशासन ने कुछ ऐसे लोगों को मीडिया के प्रिंटिड पास जारी किए जिसमें बड़े-बड़े शब्दों में मीडिया लिखा था। जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि प्रशासन ने यह मीडिया की एक ऐसी फौज खड़ी कर डाली है जो पूरी तरह से फ्रॉड है। यही नहीं रथयात्रा के दौरान मीडिया को कवरेज के लिए रथ मैदान में बड़े-बड़े स्टैंड लगाए जाते हैं। इन स्टैंडों पर लाइव दिखाने वाले कैमरामैन व स्थानीय पत्रकारों को बिठाया जाता था लेकिन इस बार लाइव रिपोर्टरों के अलावा इन स्टैंडों पर भी फ्रॉड मीडिया की इस फौज ने कब्जा कर रखा था। जिस कारण पूरी व्यवस्था बिगड़ गई और स्थानीय मीडिया दरकिनार होता रहा ।
पत्रकारों ने स्पष्ट कहा है कि प्रशासन की नालायकी के कारण यह सारी व्यवस्था बिगड़ी है। हालांकि इस बार मीडिया ने प्रेस गैलरी में मीडिया पर्सन संतोष धीमान को गैलरी की सुरक्षा की जिम्मबारी सौंपी थी और चार दिन तक व्यवस्था सही चली और सभी मीडिया कर्मियों को बैठने की उचित जगह मिल पाई लेकिन बाद में प्रशासन के अधिकारियों के हस्तक्षेप व फ्रॉड मीडिया की फौज ने सारी व्यवस्था बिगाड़ डाली। बहरहाल प्रशासन के इस व्यवहार से मीडिया पूरी तरह से आक्रोशित है।
दशहरे में करोड़ों का धन एकत्रित होता है और उसे प्रशासनिक अधिकारी अपनी मर्जी से खर्च करते हैं। ऐसे में अधिकारी जहां अपने लिए हर सुविधा का ध्यान रखते हैं और अपने साथ आए रिश्तेदारों की भी खातिरदारी में जुटे रहते हैं। इस बार के दशहरा पर्व में तो रिश्तेदारों की खातिरदारी की तो प्रशासन ने हद कर दी। प्रेस गैलरी की सीटों पर जहां अपने रिश्तेदारों को विराजमान करवाया। वहीं स्थानीय पत्रकारों को बैठने के लिए मात्र चटाई भी नहीं दी गई। लिहाजा मीडिया कर्मियों ने प्रेस गेलरी का बहिष्कार किया और गेलरी के आगे जमीन पर बैठकर कवरेज की। हैरानी तो तब हुई जब मीडिया को जमीन पर देखा गया तो प्रशासन के अधिकारी एक-एक करके कलाकेंद्र छोड़ते नजर आए।