पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): अपाहिज होने का बोझ 52 साल का हुक्म चंद थापा सहन नहीं कर पा रहा था। जिन्दगी दूसरों की मोहताज हो गई थी। अपनों ने सालों पहले ही किनारा कर लिया था। मंगलवार सुबह बस स्टैंड के समीप गली में रहने वाले नेपाली मूल के हुक्म चंद ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
पेशे से ट्रक चालक रहे हुक्म चंद की एक दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। चल-फिरने से बेबस हुक्म चंद को नगर परिषद ने जीवन यापन के लिए एक खोखा दे दिया था। बावजूद इसके जिंदगी जीने की इच्छा छोड़ दी थी, क्योंकि न खाना बना पाने में समर्थ था ओर न ही चलने-फिरने में। अब पुलिस को यह विश्वास है कि शायद ही कोई उसका अपना अंतिम संस्कार करने आएगा।
हालांकि दो-तीन दिन तक शव का अंतिम संस्कार इस उम्मीद में नहीं किया जाएगा कि शायद कोई आ जाए। लेकिन पुलिस ने नगर परिषद से अंतिम संस्कार को लेकर पत्राचार शुरू कर दिया है। थाना प्रभारी देवेंद्र गुलेरिया ने पुष्टि की है।