शिमला ( एमबीएम न्यूज़ ): प्रदेश हाईकोर्ट ने फारेस्ट गार्ड होशियार सिंह की मौत के मामले में सीबीआई को एक नहीं बल्कि दो मामले दर्ज करने के आदेश दिए है। मौत के इलावा अवैध वन कटान की भी सीबीआई जाँच करेगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिए।
कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने के निर्देश दिए है। जिसमें एसपी व डीएसपी रेंक के 3 अधिकारी शामिल हो। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिये है कि वह मामले की जांच में सीबीआई की हर संभव सहायता करें एवं सीआईडी ने मामले में जो भी सबूत इकट्ठे किए हैं उन्हें सीबीआई को सौंप दे। उल्लेखनीय है कि फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह ने अपनी डायरी में करसोग क्षेत्र में अवैध वन कटान से बाते लिखी थी।
हाईकोर्ट की ओर से इस मामले में संज्ञान लेने के पश्चात् मामले में नियुक्त एमिक्स क्यूरी पीएल मेहता ने एसआईटी व पुलसिया जांच पर कई गम्भीर सवाल उठाए थे। हाईकोर्ट में पेश सुझावों में एमिक्स क्यूरी ने जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि होशियार सिंह द्वारा कथित तौर पर खाया गया जहर कहाँ से आया, किसने बेचा व किसने खरीदा यह जांच के विषय में नहीं जोड़ा गया। जांच में पाया गया कि होशियार सिंह ने 5 जून को सुबह करीब पौने 9 बजे एक टीजीटी मास्टर के घर दाल चावल, स्लाद व आलू मटर खाये थे जबकि 10 तारीख को पोस्मॉर्टम रिपोर्ट में भी होशियार सिंह के पेट में यही पदार्थ पाये गए। डॉक्टरों की राय के मुताबिक पेट में खाना 4 से 6 घण्टों में पच जाता है। अगर जहर खाया हो तो यह प्रक्रिया कुछ और देरी से पूरी होती है।
5 से 9 जून के बीच घटनास्थल पर बारिश हुई या नहीं इस बारे भी जांच नहीं की गई क्योंकि इसका सीधा सम्बन्ध उल्टियों के धुलने से हो सकता है। वन माफियाओं पर अभी तक कोई कड़ी कार्यवाई नहीं हुई और न ही कोई बड़ी गिरफ्तारी जिससे इस मौत की असल वजह का पता चल सके।
होशियार सिंह की डायरी में लिखी अवैध कटान की घटनाओं पर वन विभाग की टीम ने सेरी कतांडा बीट का निरीक्षण भी किया था । इस दौरान यहां वन विभाग की टीम को करोड़ों की कीमत के देवदार के 68 पेड़ों के ताजे ठूंठ मिले । इसके अलावा टीम द्वारा सड़क के नजदीक छिपाए 20 से अधिक देवदार के स्लीपर भी बरामद किए। जिन्हें वन विभाग ने कब्जे में ले लिया। होशियार सिंह ने अपनी डायरी में बताया है कि बीट में कई जगह लकड़ी काटने के कटर छिपाए हुए हैं। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र ने मांग की थी कि होशियार सिंह की मौत की जांच पर निगरानी सीबीआई को सौंपी जाए ताकि जांच सही व निष्पक्ष ढंग से आगे बढ़े। वनरक्षक होशियार सिंह अपनी बूढ़ी दादी का इकलौता सहारा था जिसके माता व पिता की मौत बचपन में ही हो गई थी।
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