नाहन (एमबीएम न्यूज): एमबीएम न्यूज नेटवर्क के खुलासे के बाद डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज प्रशासन पूरी तरह से हरकत में है। खुलासा किया था कि कैसे बड़ी लापरवाही बरती गई। इसमें 55 साल के संजीव शर्मा को चंडीगढ़ तो रैफर कर दिया गया था, लेकिन यह देखने की जहमत किसी ने नहीं उठाई थी कि एंबूलेंस में ऑक्सीजन का सिलेंडर खाली है।
जानकारी के मुताबिक खबर छपते ही कॉलेज प्रशासन हरकत में आ गया था। डॉ. सुनील कक्कड़ को जांच के आदेश दे दिए गए थे। साथ ही बुधवार को आउटसोर्स के आधार पर रखे गए एंबूलेंस ड्राईवर रमन को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा कैजुएलिटी वार्ड का स्टाफ भी बदल दिया गया है। मेडिकल अधीक्षक डॉ. केके पराशर ने बातचीत में ड्राईवर के निलंबित होने की पुष्टि करते हुए कहा कि वीरवार तक जांच की अंतिम रिपोर्ट आ जाएगी। इस लापरवाही में अगर किसी ओर की भी संलिप्तता पाई जाती है तो ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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उधर यह बात भी स्पष्ट हुई है कि जब रोगी को चंडीगढ़ रैफर किया गया तो उस समय डॉ. देवेश्वर पांडे डयूटी पर नहीं थे। आपातकालीन स्थिति में पहली कॉल रेजिडेंट को जाती है। इसके बाद जरूरत पडऩे पर कंसलटेंट को बुलाया जाता है।
गौरतलब है कि आज दोपहर बाद संजीव शर्मा के अंतिम संस्कार की रस्म से निपटने के बाद परिजनों ने लिखित तौर पर भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को शिकायतपत्र सौंप दिया है।