शिमला (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में जूनियर ऑफिसिज असीस्टेंट के 53 पदों की भर्ती को लेकर प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बुधवार को छंटनी परीक्षा का नतीजा घोषित किया गया। पहला सवाल यही उठ रहा है कि पूरे आत्मविश्वास से एक अभ्यार्थी ने फेसबुक पर यह कैसे लिख दिया कि उत्तर पुस्तिकाएं चैक हो चुकी हैं, साथ ही यह भी लिखा कि उम्मीदवारों के डिप्लोमे की पड़ताल के बाद अगले तीन दिन में नतीजा घोषित कर दिया जाएगा।
विपिन शर्मा ने इसे 11 जुलाई को सुबह 5:21 बजे पोस्ट किया। सवाल इस बात पर भी उठाया जा रहा है कि जब विश्वविद्यालय ने पदों की भर्ती को लेकर विज्ञापन जारी किया था तो उसमें केवल एक साल का डिप्लोमा इन आईटी में मांगा गया था, लेकिन अब बड़ी संख्या में आवेदनों को रद्द कर दिया गया है। इसकी वजह यही बताई जा रही है कि निजी संस्थानों के डिप्लोमा मान्य नहीं होंगे। इस बारे एक दर्जन अभ्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। बहरहाल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की इस पर प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। मिलने पर पाठकों से साझा किया जाएगा।
उम्मीदवार यह भी सवाल उठा रहे हैं कि राज्य में हजारों की संख्या में बीसीए व आईटी के डिप्लोमों को लेकर संस्थान चल रहे हैं। अगर इसमें शिक्षा ग्रहण करने वाले युवा सरकारी नौकरी के पात्र नहीं है तो सरकार इस दिशा में कदम क्यों नहीं उठा रही। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को युवा बड़ी संख्या में सोशल मीडिया में चल रही टिप्पणियों को भेज रहे हैं। दीगर है कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग द्वारा भी डिप्लोमा की मान्यता को लेकर तकरीबन एक हजार आवेदन खारिज किए गए हैं, लेकिन इसके पुनर्निरीक्षण को लेकर कमेटी जांंच कर रही है।