ऊना (एमबीएम न्यूज) : कांगड़ा बैंक की कॉलेज ब्रांच में खाता खुलवाने के नाम पर 21 लाख रुपये का लोन जारी करने के मामले को अभी पांच माह ही बीते हैं कि एक और नए मामले ने बैंक को पुन: सुर्खियां में ला खड़ा कर दिया है। बैंक ने लोन लेने वाले खाता धारकों का बिना पूछे लाखों रूपये का हैल्थ बीमा कर दिया हैं। इनमें से एक हिमाचल पुलिस से रिटायर्ड पुलिस अधीक्षक की पत्नी भी शामिल है।
इनका आरोप है कि बैंक ने बिना किसी परमिशन व बिना किसी दस्तावेज पर साईन करवाए हैल्थ बीमा कर दिया है, जिसका पता बैंक कॉपी पर एंट्री करवाते समय पता चला। उन्होंने बैंक प्रबंधन पर बड़े स्तर का घोटाला करने के आरोप जड़े हैं। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि हैल्थ बीमा मेरे अलावा अन्य उपभोक्ताओं का भी किया है, जिनसे उपभोक्ता बेखबर हैं। उन्होंने इस संबंध में कांगड़ा बैंक प्रबंधन के साथ ही स्टेट विजीलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो को भी शिकायत दी है।
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रिटायर्ड एसपी महेंद्र सिंह ने बताय कि उनकी धर्मपत्नी दलजीत कौर ने कांगड़ा बैंक की ऊना ब्रांच से 21 जनवरी 2016 को कांगड़ा बैंक की कॉलेज ब्रांच से 2 लाख रूपये का कृषि लोन लिया था। जिसका वह समय-समय पर प्रयोग भी करती रही। इसी बीच 3 जुलाई को वह बैंक आई थी। कॉपी पर हुई एंट्री से पता चला कि 12 अप्रैल 2017 को उनके खाते से बिना उनकी अनुमति 5888 रूपये डिडक्ट किए गए हैं। इस बारे में ब्रांच मैनेजर से पूछा तो पता चला कि 10 लाख रूपये का सालाना हेल्थ बीमा किया गया है। जिसके चलते यह राशि उनके खाते से बैंक प्रबंधन ने काटी है। जबकि उक्त बीमा के संबंध में आज तक न तो उन्हें कोई कवर नोट दिया गया, न पॉलिसी और न ही अन्य कोई दस्तावेज।
दलजीत कौर ने इस संबंध में कांगड़ा बैंक के धर्मशाला स्थित एमडी व ऊना के एजीएम से शिकायत की। लिखित शिकायत मिलने के बाद बैंक प्रबंधन की ओर से 15 जुलाई को उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें उनकी पॉलिसी को कैंसल करने और पैसे वापिस खाते में डाले जाने की जानकारी दी गई थी। दलजीत कौर का आरोप है कि उन्होंने शिकायत पत्र बिना उनकी परमिशन के खाते से पैसे डिडक्ट करने वालों पर कार्रवाई के लिए दी थी। लेकिन बैंक प्रबंधन ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। दलजीत कौर का आरोप है कि कांगड़ा बैंक की कॉलेज ब्रांच से लोन लेने वाले सौ से अधिक खाता धारकों का बिना उनकी अनुमति ऐसे ही हेल्थ बीमा किया गया है। जिसके बारे में अधिकांश खाता धारकों को भनक तक नहीं लगने दी गई है।
क्या कहते हैं मैनेजर
कांगड़ा बैंक की कॉलेज ब्रांच के मैनेजर कमलजीत का कहना है कि मामले को लेकर शिकायत मिली थी। जिसके बाद पॉलिसी को कैंसल कर वापिस खाते में डाल दिए गए थे। अब मामला खत्म हो चुका है।
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