शिमला (एमबीएम न्यूज़) : स्थायी नीति के इंतजार में बैठे हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों ने राज्य सरकार को चेता दिया है कि अगर अगली कैबिनेट मीटिंग में उनके लिए स्थायी नीति पर मुहर नहीं लगी, तो मजबूरन उन्हें आत्मदाह का कदम उठाना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेवार सरकार होगी। यह चेतावनी आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने दी है।
महासंघ के अध्यक्ष धीरज चौहान ने शनिवार को कहा कि समस्त आउटसोर्स कर्मचारी 10 जुलाई का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने महासंघ से वायदा किया था कि 10 जुलाई को वित सचिव के समक्ष आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने के हर पहलु पर विचार विमर्श किया जाएगा और उसके अगले दिन 11 जुलाई को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों की स्थायी नीति पर मुहर लगा दी जाएगी। धीरज चौहान के अनुसार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे आउटसोर्स प्रथा के खिलाफ हैं, क्योंकि इसमें कर्मचारियों का शोषण होता है और अब कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं होगा।
धीरज ने आगे कहा कि अब सरकार को कैबिनेट बैठक में स्थायी नीति बनाकर आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ किया गया अपना वायदा पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में स्थायी नीति बनाने में असमर्थ रहती है, तो आउटसोर्स कर्मी उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे। जिसमें वे आमरण अनशन और आत्मदाह करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
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