हमीरपुर (एमबीएम न्यूज): सूबे के सीएम को गरीबों के मसीहा के तौर पर सोशल मीडिया में प्रचारित किया जाता है। लेकिन विडंबना देखिए, जिला की बड़सर तहसील के गहयोता राजपुताना (घुमरली) गांव के 28 वर्षीय राजेश कुमार पुत्र सुखदेव के दर्द से प्रशासनिक अमला वाकिफ नहीं है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को जब राजेश कुमार का इन बॉक्स में पहला मैसेज मिला तो हम भी चौंक उठे, क्योंकि राजेश कुमार बेहद दर्दनाक तरीके से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहा था।
बूढ़ी मां के कंधों पर राजेश अब ओर जिंदगी नहीं जीना चाहता। क्या पता, इस बरसात में मिट्टी का कच्चा मकान भी ढह न जाए। 28 साल के हो चुके राजेश का दर्द 14 साल पहले उस वक्त शुरू हुआ था, जब जामुन के पेड़ से गिर गया। रीढ़ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई। चलने-फिरने से लाचार हो गया। अपाहिज होने के नाते सरकार ने 1200 रुपए की पेंशन देनी शुरू कर दी। इससे ज्यादा राशि इलाज पर खर्च हो जाती है। बूढ़ी मां अगर मनरेगा में दिहाड़ी न करे तो दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होगी। कमाल यह भी देखिए कि परिवार बीपीएल श्रेणी में है, लेकिन सरकारी अमला सुध नहीं लेता।
पिता की मौत को भी अरसा बीत चुका है। भाई का परिवार है तो सही, लेकिन वह भी गुरबत में जीवन बिता रहा है। ऐसे में राजेश की इम्दाद करना भी चाहे तो कैसे करे। सरकारी अमला अपाहिज होने की पेंशन तो देता है, लेकिन क्या कभी यह जानने की कोशिश करता है, जिसे पेंशन दी जा रही है उसके हालात क्या हैं। जब राजेश से फोन पर सवाल पूछा कि क्या आपने इच्छा मृत्यु के बारे में किसी को लिखा है तो राजेश का कहना था, मुझे नहीं पता क्या करना है। इतना जरूर कहा कि आप अपने न्यूज नेटवर्क के माध्यम से सरकार तक यह बात पहुंचाएं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क का यह भी मानना है कि इस युवक ने ऐसे हालात में खुद का हौंसला बरकरार रखते हुए 14 साल तक संघर्ष किया है। अन्यथा ऐसे मामलों में व्यक्ति डिप्रेशन में भी आ सकता है। इस बार बारिश में मकान ढहने का डर न होता या फिर राजेश का संपर्क एमबीएम न्यूज के साथ न होता तो इसी तरह का जीवन व्यतीत करने पर मजबूर ही रहता। अगर आप राजेश की मदद करना चाहते हैं तो उसे खाता संख्या 88580100002703 IFSC Code PUNB0HPGB04, ग्रामीण बैंक बियार (8858) पर आर्थिक इम्दाद कर सकते हैं।
क्या कर सकती है सरकार..
मुख्यमंत्री राहत कोष से तत्काल ही उपचार के लिए मदद की जा सकती है। साथ ही राजेश कुमार को डीआरडीए की आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए राशि दी जा सकती है।