मंडी (वी कुमार): बहुचर्चित वनरक्षक होशियार सिंह की मौत के घटना ने नया मोड़ ले लिया है। तफ्तीश में सुसाइड की बात सामने आई है। शनिवार को मृतक के बरामद बैग में से एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें चार लोगों पर मानसिक प्रताडऩा का आरोप लगा है। साथ ही मौत को गले लगाने के लिए दादी से माफी भी मांगी है।
सूत्रों के मुताबिक मौत को गले लगाने से पहले वनरक्षक ने अपनी दादी को ठीक से रहने की बात भी फोन पर कही थी। हालांकि पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करने में एक मिनट भी न हीं लगाया था, लेकिन जांच के दौरान पुलिस को कुछ बातें समझ नहीं आ रही थी। हत्या के बाद लाश को 15 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़ाना आसान नहीं था। यही बात, पुलिस समझने की कोशिश कर रही थी कि मौके के नजदीक से ही जहर की शीशी बरामद हो गई। साथ ही उल्टी के सैंपल ले लिए गए।
इसके बाद बैग से सुसाइड नोट मिलने के बाद पुलिस काफी हद तक यह समझ चुकी थी कि हत्या नहीं बल्कि सुसाइड है। सूत्रों के मुताबिक आत्महत्या के उकसाने के लिए पुलिस ने कुछ लोगों से पूछताछ भी शुरू कर दी है। करीब डेढ़ दर्जन लोगों के बयान कलमबद्ध कर लिए गए हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को सूत्रों ने यह भी बताया कि पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सकों ने होशियार सिंह के शरीर में किसी भी तरह की चोट न होने की बात कही है। काफी हद तक चिकित्सक भी इस नतीजे पर पहुंच चुके हैं कि मामला सुसाइड का है। करसोग पुलिस को वनरक्षक के लापता होने की सूचना 7 जून को दी गई थी। इसके बाद से पुलिस समेत सैंकड़ों ग्रामीण वनरक्षक को तलाशने में लगे हुए थे। पेड़ पर लाश के उल्टा लटके होने को सबसे पहले एक भेड़ चराने वाले ने देखा। इसके बाद समूचे इलाके में सनसनी फैल गई थी।
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अगर मामला आत्महत्या के उकसाने का निकलता है तो उस सूरत में गिरफ्तारियां हो सकती हैं। एएसपी कुलभूषण वर्मा का कहना है कि हरेक पहलू को खंगाला जा रहा है। उन्होंने माना कि कुछ ग्रामीणों के अलावा वन विभाग के एक अधिकारी से पूछताछ की जा रही है।
क्यों डिप्रेशन..
सूत्रों ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को यह भी बताया है कि वनरक्षक कुछ समय से डिप्रेशन में था। तीन महीने पहले ही डयूटी ज्वाइन की थी। यह पक्का है कि इस इलाके में बड़े स्तर पर अवैध कटान चल रहा था। इसे काबू करने की दिवंगत वनरक्षक ने काफी कोशिश की। संभवत: अवैध कटान को काबू न कर पाने के कारण डिप्रेशन में आया होगा, क्योंकि इससे विभाग उस पर कार्रवाई कर सकता था। यह अलग बात है कि असल बात पूरी जांच के बाद ही सामने आएगी।
हत्या से अधिक संगीन है आत्महत्या के लिए उकसाना..
जानकार बताते हैं कि हत्या से अधिक आत्महत्या के लिए उकसाना संगीन है। इसके तहत आईपीसी की धारा-306 है। इसमें भी जमानत की गुंजाइश नहीं होती है। अगर यह सामने आता है कि वनरक्षक को आत्महत्या के लिए उकसाया गया तो सुसाइड नोट के आधार पर गिरफ्तारियां संभावित हो सकती हैं।