जानकारी देते हुए बस के परिचालक राहुल ने बताया कि चालक त्रिलोक चंद को इसका आभास होने पर उसने तुरंत बस को सड़क के किनारे रोक लिया था। राहुल ने बताया कि नादौन बस अडडा से सुबह करीब 6:35 पर त्रिलोक चंद नादौन से धर्मशाला के लिए बस लेकर चले थे।
करीब साढ़े आठ बजे जब वह कांगड़ा बस अडडे पर रूकने के बाद आगे के सफर पर चले तो मात्र कुछ दूरी पर ही बीरता के पास त्रिलोक चंद ने छाती में दर्द होने की शिकायत करते हुए अचानक बस को सड़क के किनारे रोक दिया। परिचालक सहित अन्य सवारियों ने भी उसे कुछ देर आराम करने को कहा।
कुछ समय आराम करने के बाद जब चालक ने दोबारा बस को स्टार्ट करके आगे चलने की तैयारी की तो अचानक उसे दूसरा दिल का दौरा पड़ गया। परिचालक ने उसे अन्य लोगों की मदद से निकट ही स्थित बाला जी अस्पताल में पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने त्रिलोक चंद को मृत घोषित कर दिया। मृतक अपने पीछे दो बेटे व पत्नी छोड़ गया है।