पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज) : बात, मंगलवार रात सवा 11 बजे के आसपास की है। सफेद रंग की स्कॉर्पियो को एचएचसी राजेंद्र सिंह रुकने का इशारा करता है। इस बात से अंजान था कि अंदर बैठे 7 नामी गैंगस्टर्स हैं, जिनकी तलाश चंडीगढ़ पुलिस दिन-रात कर रही है। चाबी निकाल लेता है। इसी बीच दो-तीन लोग गाड़ी से उतरकर चाबी को वापस देने को कहते हैं।
इसी बीच खाकी पहने राजेंद्र सिंह हाथों में हथियार देखकर उनकी पृष्ठभूमि भांप लेता है। बावजूद इसके चाबी वापस न देने पर अड़ जाता है। इसी बीच एक गोली चलती है, जो पुलिस कर्मी राजेंद्र कुमार की कनपटी से छूती हुई निकल जाती है। तीन-चार गोलियां जमीन की तरफ भी दागी जाती हैं। गोली चलने के बाद राजेंद्र सडक़ पर गिर जाता है।
गाड़ी की चाबी लेकर गैंगस्टर्स भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन मुंह पर हाथ फेरने के बाद राजेंद्र फिर उठ खड़ा होता है। पास पड़ी दो ईंटों को पूरी ताकत से गाड़ी के पिछले शीशे पर मारता है। एक ईंट स्कॉर्पियो के पिछले शीशे को तोड़ती हुई अंदर ही गिरती है। पुलिस कर्मी राजेंद्र इस बात को लेकर काफी आत्मविश्वास से भरा है कि स्कॉर्पियो के भीतर डिक्की में बैठे लोगों में से किसी को ईंट की चोट लगी ही होगी। मौत को करीब से देखने वाला पुलिस कर्मी लाजमी तौर पर खुद भी सहमा होगा।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में एचएचसी राजेंद्र ने कहा कि 7 में से 6 को हथियारों से लैस खुद देखा था। उनका कहना है कि कुछ पलों के लिए डर दूर-दूर तक नहीं था। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस ने काफी सामान्य तरीके से यही बताया कि कुछ वांछित अपराधी हिमाचल की सीमा में दाखिल हो सकते हैं। अगर पृष्ठभूमि पता होती तो तैयारी भी पूरी होती।
बहरहाल एचएचसी राजेंद्र का यह भी कहना है कि 10 मिनट के भीतर ही पुलिस ने चारों तरफ ही नाकाबंदी कर ली थी। एक अन्य सवाल के जवाब में पुलिस कर्मी ने बताया कि संभवत: पूरा दृश्य 10 से 12 मिनट के बीच का रहा।
फिल्मी स्टाइल का घटनाक्रम..
यमुनाघाट बैरियर पर पुलिस कर्मी पर गोली दागी गई। इसके बाद बहराल बैरियर से हरियाणा में घुसने की नाकाम कोशिश होती है, लेकिन पांवटा पुलिस यहां तक तक मुस्तैद हो चुकी थी। लिहाजा गैंगस्टर्स ने हरिपुरखोल सडक़ का इस्तेमाल किया। जानकार बताते हैं कि गैंगस्टर्स की गाड़ी की रफ्तार 100 से 130 किलोमीटर की थी। इस वारदात को किसी फिल्मी सीन से कम नहीं कहा जा सकता, क्योंकि अक्सर फिल्मों में तो इस तरह के दृश्य देखे जा सकते हैं, लेकिन हकीकत में नहीं।