शिलाई (एमबीएम न्यूज): लालढांग-शिलाई-फेडस पुल हाईवे के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठते रहे हैं। प्रिंट मीडिया समेत एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने भी इस मामले में खबरें प्रकाशित की। लेकिन इस बार ऑनलाइन न्यूज चैनल की वैबसाइट स्टिंगबाज ने कुमार इंफ्राटैक लिमिटेड के एक आलाधिकारी को खुफिया कैमरे ने कैद किया है।
इसके मुताबिक सडक़ निर्माण के बिलों का भुगतान करवाने के लिए अधिकारियों को एक प्रतिशत कमीशन देना पड़ता है। अगर कमीशन न दिया जाए तो भुगतान रोक दिया जाता है। इस कंपनी को नेशनल हाईवे विंग ने बुराड से फेडस पुल तक 40 किलोमीटर की सडक़ के निर्माण का ठेका 14 करोड़ में दिया है। खुफिया कैमरे में कंपनी के प्रोजैक्ट मैनेजर यह भी कह रहे हैं कि कमीशनखोरी के कारण घाटा उठाना पड़ रहा है।
पत्रकारों से बातचीत में वैबसाइट के संचालक संजीव शर्मा ने कहा कि मीडिया में लगातार प्रकाशित हो रही खबरों के आधार पर इस मामले को उठाने का फैसला लिया गया था। स्टिंगबाज के खुफिया कैमरे में कंपनी के अधिकारियों ने यह भी दावा किया है कि 20 किलोमीटर की जिस सडक़ का निर्माण होना है, उसमें कमीशनखोरी के कारण लीपापोती करनी पड़ेगी।
मतलब साफ है कि बेशक ही सडक़ औपचारिकता के लिए बना दो, लेकिन कमीशन का भुगतान करो। निजी वैबसाइट ने इस स्टिंग को ऑपरेशन लैक हाईवे का नाम दिया है।