हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : प्रदेश सरकार कंप्यूटर अध्यापकों के हितों को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ठोस नीति बनाएं ताकि प्रदेश भर के स्कूलों में 16 वर्षों से शिक्षा प्रदान रहे कंप्यूटर अध्यापकों का भविष्य सुरक्षित हो सके। यह बात प्रदेश कंप्यूटर शिक्षक संघ पूर्व अध्यक्ष रोशन मेहता ने राज्य भर के कंप्यूटर अध्यापकों के वर्षों पुरानी मांग को उठाते हुए कही हैं। इससे पहले राज्य भर के कंप्यूटर अध्यापकों बैठक की जिसमें 250 के करीब कंप्यूटर अध्यापकों ने भाग लेकर अगली रणनीति तैयार की हैं। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्य एंजेडा एक ही है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा मार्च माह में बजट सत्र के दौरान एक माह में कंप्यूटर शिक्षकों को अनुबंध आधार पर लाकर उनके लिए अनुबंध नीति की घोषणा रहा हैं । इस दौरान हिमाचल प्रदेश कंप्यूटर शिक्षक संघ के हर पदाधिकारी सरकार व विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित वेतन बृद्वि की कड़ी आलोचना की हैं और सर्वसम्मति यह फैसला लिया है कि 16 वर्षों की नियमित सेवा के बावजूद सरकार अनुबंध नीति में क्यों नहीं ले लेती ।
इस दौरान सभी शिक्षकों ने हल्फनामा दिया है कि विभाग द्वारा अधिसूचित भर्ती व पदोन्नति नियमों के अंर्तगत लाया जाए और जो शिक्षक योग्यता पूरी नहीं करते हैं उन्हें समय दिया जाए अन्यथा और विकल्प ढूंढा जाए। रोशन मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा कर्मचारी हितैषी रहे हैं और कंप्यूटर शिक्षकों पूरी उम्मीद हैं कि उन्हें अगली मंत्रिमंडल की बैठक में पात्र शिक्षकों को अनुबंध के दायरे में लाया जाएगा और नीति पर मोहर लगेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर धर्मशाला आयोजित रैली जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी आए उस समय 25 दिसम्बर 2016 को नीति बनाने की घोषणा की थी। रोशन मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हर मंच से यही कहा हैं कि कंप्यूटर शिक्षकों के लिए बेहतर व ठोस नीति प्रदेश सरकार बनाएगी।
उन्होंने शिक्षा विभाग के कुछ प्रशासकों को चेताया है कि शीघ्र कंपयूटर अध्यापकों के हित में नीति का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को दें ताकि नीति पर मोहर लग सके। कंप्यूटर अध्यापकों ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह का कंप्यूटर अध्यापकों के लिए बार – बार नीति बनाने का मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाने पर आभार व्यक्त किया हैं और कहा कि विक्रमादित्य सिंह प्रदेश भर के कंप्यूटर अध्यापकों के हित में नीति बनाने के लिए बचनबद्व हैं जोकि शीघ्र ही सामने आएगा। इस दौरान प्रदेश पूर्व कमेटी के अध्यक्ष दलीजत मिन्हास, महासचिव राकेश शर्मा, उपाध्यक्ष अजय राणा, उपाध्यक्ष नरेन्द्र गुप्ता, विनय शर्मा, वीरेन्द्र, वित सचिव राजेश पटियाल, मुख्य सलाहकार बलबंत पटियाल, प्रैस सचिव विशाल शर्मा, सुनील शर्मा, देश राज ठाकुर, लीगल कमेटी के अध्यक्ष दिनेश धर्माणी ने बैठक में भाग लिया।