कसौली (एमबीएम न्यूज़) : हरेक निसंतान दंपत्ति की गोद में किलकारी गूंजे, इसी मकसद से आईवीएफ की आधुनिक तकनीकों व अनुभव के आदान-प्रदान के लिए 27 व 28 मई को देश के नामी स्त्री रोग विशेषज्ञ कसौली में जुटेगे। दो दिवसीय 14वीं आर्ट अपडेट कार्यशाला का उदघाटन सोलन की पुलिस अधीक्षक अंजुम आरा शनिवार को सांय 5 बजे करेंगी।
इस कार्यशाला का आयोजन जिंदल आईवीएफ व संत मेमोरियल नर्सिंग होम चंडीगढ़ द्वारा करवाया जा रहा है। सनद रहें कि नर्सिंग होम की संचालक डॉ. उमेश एन जिंदल आईवीएफ को उत्तर भारत में एक नई दिशा देने में सफल रही हैं। दो दिवसीय कार्यशाला में टैस्ट ट्यूब (आईवीएफ) की तकनीक को आधुनिक तरीकों से कैसे निसंतान दंपत्तियों तक कम खर्चे में उपलब्ध करवाया जा सकता है, पर गहनता से चर्चा होगी।
कार्यशाला का आयोजन ग्रेटर चंडीगढ़ चैप्टर व हिमाचल चैप्टर (इंडियन फर्टिलिटी सोसायटी) के माध्यम से किया जा रहा है। सम्मेलन की खास बात यह होगी कि विशेषज्ञ सम्मेलन में भाषण की बजाए करीब से आईवीएफ क्षेत्र में अपने अनुभवों को बारीकी से सांझा करेगें। जिंदल आईवीएफ व संत मेमोरियल नर्सिंग होम की निर्देशक डॉ उमेश जिंदल का कहना है कि गर्भाधान से जुडें जटिल मामलों व दवाएं व तकनीक उपलब्ध हो गई है। उनका कहना है कि हिमाचल में भी यह समस्या तेजी से बढ़ी है।
क्या है हिमाचल में बांझपन की वजह?
आईवीएफ से जुड़े विशेषज्ञ इस बात को बखूबी जानते है कि पहाडी राज्य हिमाचल में लगातार यह समस्या बढ़ रही है। इसका कारण महिलाओं को बच्चादानी में टीबी, टयूब बंद होना व अन्य संक्रमण मुख्य है। इसके अलावा पुरूषों में वीर्य काउंट की कमी कारण है।
विशेषज्ञ मानते है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में उपचार के लिए लंबी दूरी तय करने से निसंतान दंपतियों को सुविधा हासिल करने में मुश्किल होती है। लिहाजा इस सम्मेलन में हिमाचल के चिकित्सा विशेषज्ञों को भी अपना ज्ञान बढाने का मौका मिलेगा, ताकि इस सुविधा को निसंतान दंपत्तियों को उपलब्ध करवाया जा सके।