– नोट की पैकेट में हो सकता है धोखा
नाहन शैलेंद्र कालरा – 500-1000 रूपयों के नकली नोटों से सावधानी पुरानी बात हो चुकी है। अब ठगों ने असली नोटों से ही ठगने का नया तरीका ईजाद कर लिया है। इस खबर को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि लोगों को ठगी से बचाया जा सकें। यह मामला उजागर नहीं होता अगर श्री रेणुका जी में एक व्यक्ति को इस ठगी में 30 हजार रूपये का चूना नहीं लगा होता। दरअसल ठगी के नए फार्मूले के तहत एक असली नोट को दो टुकडों में बांट दिया जाता है। इसके बाद दोनों हिस्सों को पैकेट (गट्ठी) में इस तरीके से सैट कर दिया जाता है कि बैंक की सामान्य मषीन भी गिनती के दौरान इस चालाकी को नहीं पकड पाती है। इस फार्मूलें में 5 से 10 नोटों को फाडकर इसकी संख्या 10 से 20 बना ली जाती है। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर ठगी के शिकार हुए व्यक्ति ने बताया कि बैंक से कैश निकालवाने के बाद जब उसने गट्ठी खोलकर इन्हें गिनना शुरू किया तो उसके होश उड गए क्योंकि गट्ठी में पूरे नोट की बजाए एक हिस्सा था। जानकारों की मानें तो बैंक में गट्ठी खोलकर गिनती करने की व्यवस्था भी होती है लेकिन कुछ ही बैंकों में इस कार्य को करने की व्यवस्था शाम 4 बजे के बाद की जाती है। काउंटर पर भीड होने की स्थिति में गठ्ठी के तौर पर मिले कैश को बैंक केवल असली व नकली को लेकर पडताल करता है। इस बात पर किसी की नजर नहीं जाती कि गठ्यिों के अंदर धोखा छिपा हो सकता है। जानकारों की मानें तो टुकडों को गट्ठी से जोडनें के लिए बेहद महंगी टेप का इस्तेमाल हो रहा है जो अमूमन छोटे शहरों में मिलने का सवाल ही नहीं होता। कुल मिलाकर वक्त अब इस बात का आ गया है कि बैंक के काउंटर पर ही गट्ठी को खोलकर नोटों को चैक कर लिया जाए। यह भी पता चला है कि गटठियों पर बकायदा बैंक की मोहर भी लगाई जाती है ताकि इसे लेने वाले को कोई शक न हों।