शिमला (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की पोस्ट कोड संख्या 447 की नियुक्तियों पर संशय बरकरार है। हालांकि आयोग जल्द से जल्द इसे अंजाम तक पहुंचाने की फिराक में है, लेकिन कई पेचिदगियां सामने आ रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने आयोग को 31 मई तक साक्षात्कार के माध्यम से कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए थे। लेकिन आयोग ने इसकी मियाद बढ़ाने का आग्रह किया था, क्योंकि जटिल प्रक्रिया होने की वजह से इसे 31 मई तक पूरा नहीं किया जा सकता था। आयोग ने इस उम्मीद में साक्षात्कार का शैडयूल जारी कर दिया कि सरकार से अंतिम नतीजा जारी करने की मियाद बढ़ाने की अनुमति मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लिहाजा आयोग को साक्षात्कार स्थगित करने पड़े।
बताते हैं कि सरकार ने एक्सटेंशन दे भी दी, लेकिन 17 अप्रैल की अधिसूचना को भी ध्यान रखने को कहा गया, जिसमें 31 मई की सीमा तय हुई थी। उलझन की मजबूरी में आयोग को साक्षात्कार स्थगित करने पड़़े। अब सस्पेंस यह है कि सरकार साक्षात्कार करने की हामी भरती है या फिर नई पद्धति के मुताबिक नियुक्तियां होती हैं।
सूत्र बताते हैं कि अगर नई पद्धति (इंटरव्यू नहीं) के तहत कार्रवाई की जाती है तो मामला ओर अधिक उलझ जाएगा, क्योंकि इसमें लिखित परीक्षा के 200 अंकों को 85 में बदलना पड़ेगा। साथ ही 15 सूत्रीय चैकलिस्ट बनेगी। 15 अंकों को प्रमाणपत्रों के आधार पर विभाजित किया जाएगा। संभावना है कि एक-दो दिन में प्रक्रिया को लेकर चल रहा सस्पेंस एकतरफा हो सकता है। इतना तय है कि अंतिम नतीजा किसी भी हाल में जुलाई से पहले जारी नहीं हो सकता। डर इस बात का भी है कि चुनाव आचार संहिता भी लग सकती है।
उधर जूनियर ऑफिस असीस्टेंट के पदों के अभ्यार्थियों ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। हैरानी इस बात पर जताई जा रही है कि आयोग अढ़ाई साल में चयन प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पा रहा है। अभ्यार्थियों ने आयोग के अध्यक्ष व सचिव को चेतावनी दी है कि अगर 20 जून 2017 तक प्रक्रिया पूरी नहीं होती तो मजबूरन उग्र आंदोलन शुरू करना पड़ेगा।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को लगातार इन बॉक्स में अभ्यार्थियों की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। इन्हीं के आधार पर तफ्तीश करने के बाद ही सस्पेंस को लेकर तथ्य सामने आए हैं।