मंडी (वी कुमार): महिलाओं के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा करने और उनका भविष्य संवारने को प्रदेश सरकार प्राथमिकता प्रदान कर रही है । महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष प्रयास करते हुए बेटियों को शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में आगे लाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आरंभ किए गए हैं ।
इन्हीं योजनाओं में से एक ‘बेटी है अनमोल’ योजना प्रदेश सहित मंडी जिला में भी सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही है। ‘बेटी है अनमोल योजना’ का उद्देश्य बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्क दृष्टिकोण पैदा करना और बालिका के जन्म को अभिशाप न माना जाए, इस बारे प्रयास करना है। इस योजना में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे व बीपीएल परिवारों में जन्मीं अधिकतम दो बालिकाएं पात्र है, जो कि इस योजना की लाभार्थी बन सकती है।
‘बेटी है अनमोल’ योजना के तहत जिला मंडी के सदर उपमंडल में वित्त वर्ष 2016-17 की अंतिम तिमाही तक 17,50,000 रूपये से अधिक की राशि खर्च की गई है। योजना के तहत प्रथम घटक में लगभग सात लाख रूपये की राशि खर्च कर अनूसचित जाति की 31, अन्य पिछड़ा वर्ग की 6, सामान्य वर्ग की 28 तथा अनुसूचित जनजाति की दो बालिकाओं सहित 67 बालिकाओं के नाम पर 10-10 हजार रूपये की राशि बैंक या डाकघर में जमा करवाई गई है।
योजना के तहत 18 साल की आयु पूरी करने पर यह पूर्ण राशि ब्याज सहित उन्हें प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त ‘बेटी है अनमोल’ योजना में द्वितीय घटक में बालिकाओं की शिक्षा ग्रहण करने के लिए छात्रवृति के रूप में 10,57,300 रूपये से अधिक खर्च कर 851 छात्राओं को सहायता राशि प्रदान की गई है। द्वितीय घटक में अनुसूचित जाति की 580, सामान्य वर्ग की 243, अनुसूचित जनजाति की एक और अन्य पिछड़ा वर्ग की 27 छात्राएं शामिल हैं।
राज्य सरकार द्वारा निर्धन बालिकाओं को शिक्षा प्रोत्साहन के उद्देश्य से उचित माध्यम पर छात्रवृति भी प्रदान की जा रही है, जिसके अनुसार पहली से तीसरी कक्षा तक 450 रूपये, चौथी कक्षा में 750 रूपये, पांचवी कक्षा में 900 रूपये, छठी तथा सातवीं कक्षा में 1050 रूपये, आठवीं कक्षा में 1200 रूपये, नौवीं व दसवीं कक्षा में 1500 रूपये तथा दस जमा एक व दो कक्षा में 2250 रूपये की राशि प्रतिवर्ष उपलब्ध करवाई जा रही है ।
बाल विकास परियोजना अधिकारी सदर डीआर नायक ने कहा कि ‘बेटी है अनमोल योजना’ के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे की बीपीएल परिवारों में जन्मी अधिकतम दो बालिकाओं पर उनके माता-पिता इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए निर्धारित प्रपत्र पर अपना आवेदन बाल विकास परियोजना अधिकारी को दें।
इससे संबंधित जानकारी लोक मित्र केंद्र पर भी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इच्छुक प्रार्थी आवेदन भी आॅनलाईन प्रेषित कर सकते हैं और उन्हें कार्यालय आने की भी आवश्यकता नहीं है ।