नई दिल्ली/नाहन (एमबीएम न्यूज): देश की पहली मल्टी सिटी मैराथन ‘द ग्रेट इंडिया रन’ का आगाज रविवार को हो गया। देश-विदेश के सर्वश्रेष्ठ 16 अल्ट्रा धावकों में हिमाचली बेटा सुनील शर्मा भी दौड़ रहा है। पहले चरण की 40 किलोमीटर दौड़ को सुनील शर्मा ने अढ़ाई घंटे में पूरा किया।
हर रोज पड़ेगा 100 किलोमीटर दौडऩा
रविवार को धावकों का हल्का दिन रहा। दौडऩे की अधिक चुनौती नहीं थी, लेकिन सोमवार से औसतन हर रोज 100 किलोमीटर की दूरी नापनी होगी। उसी सूरत में 6 अगस्त को मुंबई पहुंचा जा सकेगा। हिमाचली बेटे ने इस दौड़ को पूरा करने के लिए एक महीने जमकर पसीना बहाया है। हर तापमान में तैयार की। पहाड़ों की चढ़ाई नापी, तैराकी, साइकलिंग में भी खूब पसीना बहाया है। मई के महीने में 40 से 45 डिग्री तापमान में खुद को ढालने की कोशिश की। यानि अगर द ग्रेट इंडिया रन के दौरान कहीं तापमान बढ़ भी जाए तो हौंसले पस्त न हों। बारिश में भी दौडऩे की प्रैक्टिस सुनील को है। मूलत: सिरमौर की माईना पंचायत के रहने वाले सुनील अब देश के नामी अल्ट्रा मेराथन धावक बन चुके हैं।
देश के खेल मंत्री ने दिखाई हरी झंडी
देश के युवा सेवाएं व खेल मंत्री विजय गोयल व खेल रत्न अंजू बॉबी जार्ज ने हरी झंडी दिखाकर धावकों को रवाना किया। इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिज्जू भी मौजूद रहे। इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर एक भव्य कार्यक्रम में अल्ट्रा मेराथन शुरू हुई। देश के नामी धावक अरुण भारद्वाज के नेतृत्व में तमाम धावकों का लक्ष्य 6 अगस्त तक 1480 किलोमीटर दौड़ पूरी करने का है।
इस दौड़ को एशिया की सबसे लंबी व चुनौतीपूर्ण भी माना जा रहा है। इस दौड़ का सबसे बड़ा लक्ष्य फिटनेस का संदेश है। द ग्रेट इंडिया रन का आयोजन Pro Sportify द्वारा Mobiefit Technologies के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। धावकों की रवानगी के दौरान खेल रत्न अंजू बॉबी जार्ज व गुल पनाग भी मौजूद थे। देश में अपनी तरह की पहली अल्ट्रा मैराथन के धावकों को यूपी, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, दादरा से होते हुए मुंबई में दाखिल होना है।
द ग्रेट इंडिया रन का लक्ष्य यह प्रदर्शित करना भी है कि अभूतपूर्व मील के पत्थर को अनुशासित धावक हासिल कर सकते हैं। आई टीवी नेटवर्क के संस्थापक व प्रमोटर कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि यह गर्व का दिन है, जब दुनिया के असाधारण धावक इस दौड़ में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर धावकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।