शिमला (एमबीएम न्यूज) : 14 किलोमीटर मशोबरा के पास छराबड़ा क्षेत्र में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की पुत्री प्रियंका गांधी के निर्माणाधीन आशियाने के मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है। शिमला के भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने केंद्र सरकार से प्रियंका के भवन निर्माण की अनुमति रद्द करने की मांग की है।
भारद्वाज का कहना है कि राष्ट्रपति निवास रिट्रीट भवन के आसपास का क्षेत्र अतिसंवेदनशील होने के कारण प्रियंका गांधी द्वारा यहां आशियाने का निर्माण करना अनुचित है। इसे लेकर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखा है। पत्र में आग्रह किया गया है कि इस क्षेत्र में प्रियंका के भवन निर्माण के लिए दी गई अनुमति वापिस ली जानी चाहिए, क्योंकि इसमें अति विशिष्ठ व्यक्तियों की सुरक्षा के मामले पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है।
सुरेश भारद्वाज ने अपने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रपति का शिमला प्रवास रिट्रीट भवन अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा के क्षेत्र में आता है और इसके निकट कल्याणी हैलीपैड भारतीय वायु सेना द्वारा विशिष्ठ व्यक्तियों के लिए तथा अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसी कारण रिट्रीट भवन के पड़ोस में किसी प्रकार के भवन के निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती।
भारद्वाज ने पत्र में गृहमंत्री को ध्यान दिलाया कि इससे पहले भी एक पूर्व वरिष्ठ जलसेना अधिकारी देवेंद्र जीत सिंह ने 16 बिस्वा भूमि रिट्रीट के पास खरीदी थी, उसने वहां झोंपडिय़ां बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव को 24अगस्त 2002 को लिखा था, जिस पर गृह विभाग ने डीजी पुलिस से उनकी राय जाननेे को कहा था।
डीजी पुलिस ने 12 जून 2003 को गृह विभाग को लिख दिया कि रिट्रीट के आसपड़ोस में किसी भी भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि ये क्षेत्र विशिष्ठ व्यक्तियों की सुरक्षा के बारे में प्रश्नचिन्ह लगाता है। इस बारे में सुचना आवेदक पूर्व जलसेना अधिकारी को दे दी गई थी। गृह विभाग के प्रधान सचिव ने राष्ट्रपति के सचिव को 12अक्तूबर 2004 को इस बारे में सूचित कर दिया था।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन के सचिवालय ने 11 नवंबर 2004 को प्रदेश सरकार के गृह सचिव को उसके पत्र के उत्तर में लिखा था कि राज्य सरकार की राय है कि दूरगामी विशिष्ठ व्यक्तियों की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर रिटीट भवन के आसपास के क्षेत्र में किसी भी भवन निर्माण की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस क्षेत्र में भवन निर्माण पर पाबंदी होने के बावजूद कुछ व्यक्तियों को प्रियंका गांधी को भूमि बेचने के लिए मजबूर किया गया और उसने 4 हजार वर्ग मीटर भूमि खरीद ली, जिसमें पूर्व जलसेना अधिकारी की भूमि भी आती है। जिसको पहले भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी गई।
भाजपा विधायक ने कहा कि राष्ट्रपति या दूसरे विशिष्ट व्यक्ति गर्मियों के दिनों में रिट्रीट कोठी में आकर प्रवास करते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा को देखते हुए प्रियंका गांधी को भवन निर्माण की इजाजत वापिस लेनी चाहिए।
गौरतलब है कि छराबड़ा में प्रियंका ने वर्ष 2007 में सवा चार बीघा जमीन खरीदी थी। यहां वह आशियाना बना रही है, जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। माना जाता है कि अक्तूबर माह में आने वाले नवरात्र के दौरान वह यहां गृह प्रवेश कर सकती है।