शिमला (एमबीएम न्यूज़): मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भारतीय राष्ट्र छात्र संघ (एनएसयूआई) के 45वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता करते हुए कहा कि एनएसयूआई की स्थापना छात्रों को सशक्त करने व उन्हें जबावदेह नागरिक बनाने और उनमें लोकतंत्र, धर्म निरपेक्षता, स्वतंत्रता व श्रेष्ठ गुण उत्पन्न करने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा कि यह गौरव का विषय है कि संगठन ने एक लम्बा सफर तय करके देश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
उन्होंने कहा कि एओ ह्यूम, जिन्होंने कांग्रेस की स्थापना की और बाद में विभिन्न कांग्रेस नेताओं द्वारा एकजुटता व अहिंसा के मार्ग पर चलकर राष्ट्र को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत राष्ट्र छात्र संगठन ने इन परम्पराओं और आगे बढ़ाते हुए विद्यार्थियों में अपनी विशेष पैठ बनाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अजाादी से पूर्व एवं बाद में दिए गए योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं व कुछ समान सोच रखने वाले अन्यों ने ही राष्ट्र को स्वतंत्रता दिलाने में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि आज समाजवादी व साम्यवादी बनना एक फैशन बन गया है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरी जन्मभूमि व मेरा देश ही मेरा धर्म है और हिंसा का कोई भी स्थान नहीं है। उन्होंने विद्यार्थियों से राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करने का आह्वान किया, जो हमारे देश का गौरव है।
उन्होंने अध्यापकों को छात्र राजीनति से दूर रहने के प्रति सचेत करते हुए कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में स्वस्थ्य और शांतिपूर्ण वातावरण बनाने में योगदान देना चाहिए और विद्यार्थियों को अपना ध्यान केवल शिक्षा पर केन्द्रित कर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को ज्ञानवर्धन के लिए अधिक से अधिक समय पुस्तकालय में बिताना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिमला में एक केन्द्रीय पुस्तकालय भवन स्थापित किया जाएगा, जहां पर अन्य पुस्कलायों की पुरानी पुस्तकों को रखा जाएगा उनका पुनः प्रकाशन किया जाएगा ताकि शिमला का यह पुस्तकालय अपने आप में देश का बेहतरीन पुस्तकालय बन सके। इस अवसर पर एक रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। इससे पूर्व एनएसयूआई के अध्यक्ष रिम्पल चौधरी व संघ के अन्य सदस्यों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।