शिमला (एमबीएम न्यूज़): पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक था। राज्य ने कौशल विकास क्षेत्र में विभिन्न औद्योगिक संगठनों एवं क्षेत्रीय कौशल परिषदों के साथ रिकार्ड 17 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। ये समझौता ज्ञापन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम और तीन राष्ट्रीय कौशल विकास निगमों सहित 17 औद्योगिक संगठनों के मध्य हस्ताक्षरित किए गए।
ये क्षेत्रीय कौशल परिषदें 20 से अधिक केन्द्रीय मंत्रालयों व 20 बड़े औद्योगिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो मांग आधारित एवं गुणात्मक कौशल विकास में हि.प्र. कौशल विकास निगम की सहभागी होंगी। तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश कौशल विकास कार्यक्रम का शुभारम्भ भी किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को मिशन मोड पर उपयुक्त उन्नयन के माध्यम से श्रम रोजगार एवं स्वरोजगार के माध्यम से रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना है।
वीरभद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि विभिन्न औद्योगिक संगठनों व क्षेत्रीय कौशल परिषदों के साथ समझौता ज्ञापनों हस्ताक्षरित होने से राज्य को कौशल उन्नयन, आंकलन एवं प्लेसमैंट मामलों को एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रीय कौशल परिषदों ने राज्य से हजारों लोगों के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट सुनिश्चित करने की मांग रखी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हि.प्र. कौशल विकास निगम की स्थापना राज्य सरकार की एक बड़ी पहल है, जो विभिन्न विभागों द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे कौशल उन्नयन कार्यक्रम में डुप्लीकेशन कम करने व समन्वय व सहभागिता में सुधार लाने की दिशा में एक छत्र प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आॅटो मोबाइल, रिटेल, सुरक्षा, स्वास्थ्य चिकित्सा, पर्यटन और कृषि जैसे विभिन्न व्यवसायों में कौशल उन्नयन व छात्रों के लिए रोजगार क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से 9वीं से 12वीं कक्षा तक और अधिक पाठशालाओं में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। ये कोर्स पहले ही प्रदेश के 500 स्कूलों में आरम्भ किए गए हैं और आठ विभिन्न व्यावसायिक विषयों में 1 -4 स्तर तक लगभग 35 हजार छात्रों का नामांकन किया गया है। उन्होंने कहा कि 200 व्यावसायिक प्रयोगशालाएं एवं कार्यशालाएं पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं, जबकि 600 और व्यावसायिक प्रयोगशालाओं को स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जयंत कृष्णा ने इस अवसर पर समुचित कौशल एवं प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस दिशा में औद्योगिक क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता है।