शिमला (एमबीएम न्यूज): अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नन्दा ने कहा कि राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा विभिन्न हितधारकों, संबंधित विभागों के अतिरिक्त सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और आईटीबीपी के सहयोग से शिमला के सैंट्रल स्कूल फॉर तिब्बतीयन्स, हिमाचल प्रदेश सचिवालय और राज्य पुलिस मुख्यालय में 12 अक्तूबर, 2015 को मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।
नन्दा आज यहां आपदा प्रबन्धन की तैयारियों के सन्दर्भ में शिमला शहर में महत्वपूर्ण स्थलों पर आतंकी हमले की थीम पर मॉक ड्रिल आयोजित करने को लेकर चर्चा के लिए बुलाए गए समन्वय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि आपदा समाज के सामान्य क्रियाकलापों में गम्भीर अवरोध उत्पन्न करती है। कोई भी आपदा स्वास्थ्य देखभाल, विद्युत, परिवहन और संचार सुविधाओें जैसी अत्यावश्यक सेवाओं को बाधित कर सकती है।
नन्दा ने कहा कि सभी प्रकार की आपदाओं विशेषकर प्राकृतिक आपदाओं को टाला नहीं जा सकता, लेकिन बेहतर निकासी योजना, पर्यावरण योजना और मानकीकृत डिजाईन से जानमाल की क्षति और घायल होने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व तैयारी से आपदा के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है तथा समुदाय आधारित तैयारी और प्रबन्धन को विशेष प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘समर्थ-2015’ के अन्तर्गत प्रथम अक्तूबर से 13 अक्तूबर, 2015 तक प्रदेशवासियों की क्षमता निर्माण और जागरूकता के लिए विशेष आपदा प्रबन्धन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। दो सप्ताह के राज्य स्तरीय अभियान के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रम, कार्यशालाएं, रैलियां और मॉक ड्रिल इत्यादि का आयोजन किया जाएगा। यह गतिविधियां प्रभावी राहत एवं बचाव तथा पुनर्वास और समय के भीतर सुविधा प्रदान कर जान-माल की क्षति को कम करने के दृष्टिगत तैयार की गई है।
नन्दा ने बिलासपुर जिले के टीहरा गांव में कीरतपुर-मनाली फोरलेन सड़क परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे दो श्रमिकों सकुशल बाहर निकालने के विशेष प्रयासों के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और जिला प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थाओं को विशेषकर जो प्रदेश में ऊर्जा और सड़क परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही हैं, उन्हें आपदा प्रबन्धन योजना को सख्ती से लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण आपदा प्रबन्धन का प्रमुख भाग है तथा युवाओं में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए नेतृत्व क्षमता विकसित करना महत्वपूर्ण है।
राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन के विशेष सचिव डीडी शर्मा ने समर्थ के अन्तर्गत चलाए जाने वाले विशेष जागरूकता अभियान की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा से निपटने के लिए पूर्व तैयारी सुनिश्चित बनाना तथा इसमें शामिल लोगों की प्रतिक्रियाओं का प्रबन्धन करना और मॉक ड्रिल के दौरान उजागर होने वाली कमियों में सुधार करना है ताकि किसी भी आपदा का सही प्रबन्धन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों और संबंधित एजेंसियों को सम्मिलित किया जाएगा ताकि बेहतर समन्वय कायम किया जा सके।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक डा. एमपी सूद ने इस दौरान अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। उन्होंने मॉक ड्रिल के दौरान पत्रकारों की सुविधा के लिए हि.प्र. सचिवालय में मीडिया केन्द्र स्थापित करने बारे भी अपनी राय रखी। राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, सेना, पुलिस और अन्य विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।