शिमला (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पुराने बस अड्डे के प्रतीक्षा कक्ष को शॉपिंग कॉम्पलैक्स में बदले जाने को लेकर ट्रांसपोर्ट विभाग के सचिव, हिमाचल प्रदेश बस अड्डा प्रबंधन व विकास प्राधिकरण के महाप्रबंधक व एचआरटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को 12 अक्तूबर में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
ट्रांसपोर्ट सचिव ने इस मामले में जवाब दाखिल किया था, लेकिन न्यायालय ने इस पर असंतोष प्रकट करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए हैं। मुख्य न्यायधीश मंसूर अहमद व जस्टिस तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने यह आदेश आशा चौहान की याचिका पर जारी किए हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि पुराने बस अड्डे पर शॉपिंग कॉम्पलैक्स बनाने की योजना बनाई जा रही है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इस याचिका को जनहित याचिका माना। साथ ही नोटिस जारी किए थे।
याचिकाकर्ता ने जनवरी 2015 में आमंत्रित टैंडर नोटिस को चुनौती देते हुए कहा था कि टैंडर हिमाचल प्रदेश बस स्टैंड प्रबंधन व विकास प्राधिकरण द्वारा पुराने बस अडडे की मरम्मत के लिए जारी किए गए थे, लेकिन इसकी आड़ में प्रतीक्षा कक्ष को शॉपिंग कॉम्पलैक्स में बदला जा रहा है। याचिकाकर्ता ने कहा कि महिला यात्रियों के साथ प्रताडऩा की कई घटनाएं सामने आती हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह के प्रतीक्षाकक्ष में महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन प्रबंधन इसकी बजाए अपने मुनाफे के लिए सामाजिक मुद्दों को नजरअंदाज कर रहा है।