भुंतर: जिला के भुंतर में संकरे पुल से लगने वाले जाम ने शनिवार को सबके पसीने निकाल दिए। सुबह से ही भुंतर पुल से जिया व मेन बाजार गड़सा रोड तक गाड़ियों की कतारें लगी रही। यहां तक की दिन भर सेना के ट्रक और एंबुलेंस भी जाम में फंसते नजर आए। पुल की वजह से यहां क़ा जाम आम हो गया है। संकरे पुल से लगने वाले जाम से सब्जियों व फलों के समर सीजन के चलते किसान-बागबान परेशान हैं। वहीं स्थानीय जनता व वाहन चालक पर्यटक सभी जाम में फंस रहे। लगातार बढ़ती ट्रैफिक के चलते यह पुल अब वाहनों का बोझ सहन नहीं कर पा रहा है।
पुल पर लगी लोहे की प्लेटें और गाडरें भारी-भरकम वाहनों से हिल चुकी है, जिससे दुर्घटना की आशंका है। भुंतर के ऋषि शर्मा, मनीष कौंडल, रमेश कुमार, रामलाल, छपे राम, अंजना देवी, शालिनी व घनश्याम आदि का कहना है कि बैली ब्रिज के जाम का नाटक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी ढीली प्लेटों की आवाज से स्थानीय जनता परेशान है। वहीं जाम के कारण यहां के स्थानीय दुकानदारों का बिज़नेस भी चौपट हो रहा है। जनता ने प्रशासन से हाथीथान से बजौरा फोरलेन सड़क निर्माण को तेजी से समाप्त कर सड़क को वाहनों के लिए जल्द चालू करने की मांग की है।
बाईपास से वाहनों को निकालने के लिए दूसरा विकल्प मिलेगा। लोगों ने यहां पर बनने वाले नए पुल के निर्माण में हो रही देरी पर फिर से प्रशासन को घेरा है। नए पुल को लेकर यहां सड़क पर जनता उतर चुकी है, तो वहीं मामला सियासी स्तर पर भी गरमाया है। लेकिन इसके बावजूद राहत कम मिल रही है। जबकि सिंगल लेंन पुल कभी भी धोखा दे सकता है।
अगर बात की जाए तो कुल्लू दशहरा इस समय सिर पर है। अगर पुल को किसी प्रकार की क्षति होती है तो प्रशासन को ट्रैफिक कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। जबकि कुल्लू के दो पुल पहले ही वाहनों का भार उठाने में अपने हाथ खड़े कर चुके हैं। वहीं नेशनल हाईवे के अधिशासी अभियंता पंडोह महेश राणा का कहना है कि पुल की रिपेयर के लिए एनएचएआई को बोल दिया है। नए पुल का डिजाइन अभी अप्रूव नहीं हुआ है। डिजाइन अप्रूव होने के बाद ही आगामी कार्रवाई शुरू की जाएगी।