शिमला (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार को कुल्लू में देवी-देवताओं की 84 हजार बीघा भूमि को थर्ड पार्टी को दिए जाने पर नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायधीश मंसूर अहमद मीर व न्यायधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने देव संस्कृति चैरीटेबल ट्रस्ट की याचिका पर यह आदेश जारी किए हैं। ट्रस्ट ने याचिका में कहा कि राजस्व विभाग के गैर कानूनी व्यवहार से मंदिरों की भूमि पुजारियों, कारदार व मुजारों को दे दी गई है।
इस कार्रवाई में हिमाचल प्रदेश भूमि सुधार अधिनियम-1972 के साथ-साथ एस्टेट अधिनियम 1953 का उल्लंघन किया गया है। याचिका में कहा गया कि 1948-49 में देवी-देवताओं के नाम पर 90,744 बीघा भूमि थी। इसमें से 84 बीघा भूमि हस्तांतरित कर दी गई है। यह कार्रवाई राजस्व एजेंसियों के कारण हुई। याचिका में कहा गया कि अब मात्र 8400 बीघा भूमि ही देवी-देवताओं के नाम पर रह गई है।
ट्रस्ट ने उच्च न्यायालय से भूमि हस्तांतरण के आदेश निरस्त करने का आग्रह किया है। ताकि भूमि को वापिस देवी-देवताओं के नाम पर किया जा सके। ट्रस्ट ने इस मामले में उच्च स्तरीय कमेटी के गठन की मांग जांच के लिए भी की है। इस मामले में अगली सुनवाई ३ नवंबर को होगी।